मुंबई: औरंगजेब की कब्र का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। औरंगजेब की कब्रगाह खुल्दाबाद का नाम बदलकर रतनपुर करने की मांग उठ रही है। इसको लेकर महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, 'मैं कोई नई मांग नहीं कर रहा हूं। यह पहले से ही इतिहास में है। जब अंग्रेज यहां आए थे, तो उन्होंने जो कर लगाया था, वह रतनपुर के नाम पर था और दौलताबाद को देवगिरी कहा जाता था। यह सब इतिहास में दर्ज है।'
आगामी विधानसभा सत्र में इस पर चर्चा भी होगी: संजय
उन्होंने कहा, 'औरंगजेब के प्रति प्रेम से लबरेज लोगों को हम दिखाना चाहते हैं कि आपने हमारे इतिहास को मिटा दिया है। आपने आतंक पैदा करने के लिए कई गांवों के नाम बदल दिए। अब वे उन यादों को मिटाना चाहते हैं। हम वहां पुराने नामों को फिर से स्थापित करना चाहते हैं। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध कर रहा हूं और आगामी विधानसभा सत्र में इस पर चर्चा भी होगी और उस प्रस्ताव को पारित करना होगा। बाद में केंद्र से इसकी अनुमति ली जाएगी और इसका नाम बदल दिया जाएगा।'
हालही में सीएम ने कही थी ये बात
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि लोग मुगल बादशाह औरंगजेब को पसंद करें या न करें, लेकिन उसका मकबरा एक संरक्षित स्मारक है। किसी को उसका महिमामंडन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि ‘कानून के दायरे से बाहर’ की ढांचों को हटा दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि दक्षिणपंथी संगठन छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद शहर में स्थित 17वीं सदी के मुगल शासक के मकबरे को हटाने की मांग कर रहे थे। मकबरे को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी चादर के जलाए जाने की अफवाहों के कारण इस महीने की शुरुआत में नागपुर में हिंसा भड़क गई थी।