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Maharashtra: किसानों के मुद्दे को लेकर भड़के शरद पवार; बोले- फडणवीस को शिवाजी का अनुसरण करना चाहिए..

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मुंबई। राष्ट्र्वादी कांग्रेस (एसपी) की ओर से आयोजित 'किसान जन आक्रोश मोर्चा' महज एक शुरुआत है। सोमवार (15 सितंबर) को नासिक में पार्टी की ओर से आयोजित इस जन आक्रोश मोर्चे का नेतृत्व खुद शरद पवार ने किया।
किसानों के मुद्दे पर शरद पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी देते हुए कहा कि 'देवा भाऊ' से मेरी विनती है कि देश के आसपास में जरा देखिए क्या हो रहा है? नेपाल में देखिए- बीते आठ दिनों में क्या हुआ? वहां की सरकार चली गयी। राज करने वाले चले गए और अब एक बहन वहां आयी हैं, उनके हाथ मे सरकार सौंपी गई है और क्या कुछ हुआ उसकी विस्तृत चर्चा मैं नही करूंगा। देवा भाऊ और उनके साथी समझदारी सीखेंगे मुझे ऐसी उम्मीद है।
शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खुली जीप में विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया। पार्टी ने मांग की कि सरकार प्रभावित इलाकों को सूखाग्रस्त घोषित करे और किसानों का पूर्ण कर्ज माफ करे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर सरकार एक महीने में कर्जमाफी की घोषणा नहीं करती है, तो उनकी पार्टी मंत्रियों को राज्य में दौरा नहीं करने देगी।

फडणवीस को शिवाजी का अनुसरण करना चाहिए: पवार
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने रैली को संबोधित करते हुए यह भी कहा हमने मीडिया में 'देवभाऊ' (देवेंद्र फडणवीस) के पोस्टर देखे हैं, जिनमें वे छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने हाथ जोड़ते नजर आ रहे हैं। फडणवीस को उस महान योद्धा राजा के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए, जिसने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को कोई परेशानी न हो। छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में भी सूखा पड़ा, किसान के पास खेती के लिए हल नहीं था। शिवाजी महाराज ने अपना सोना किसान को दिया और हल का फाल सोने का बनवाया और उससे खेत जोता। शिवाजी महाराज ने कहा कि अगर देश का किसान भूखा रहेगा तो देश बर्बाद हो जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि किसानों को उनकी फसलों का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल रहा है और निर्यात पर प्रतिबंध है। पवार ने कहा, 'कर्ज' किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या है और इस समस्या का समाधान होना चाहिए। अगर सरकार कृषि संकट पर आंखें मूंदे रहेगी तो (किसानों की) आत्महत्याएं, जो हजारों में हैं, लाखों में पहुंच सकती हैं और हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार ने आगे कहा, बीते 5 वर्षों में राज्य सरकार के कार्यकाल में 1500 से भी अधिक किसानों ने कर्ज की वजह से आत्महत्या की है। उन्होंने केंद्र सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उद्योगपतियों के कर्ज माफ करती है लेकिन किसानों के नहीं। किसान क्यों इस तरह का कदम उठा रहा है? उसकी वजह ये है कि उसके संकट काल में सरकार उसकी मदत नहीं करती। उसका जो आर्थिक नुकसान हो रहा होता है और उसमें उसका सबकुछ जाता देख वो आत्महत्या करना बेहतर समझता है।

केंद्र सरकार की नीतियों पर दागा सवाल?
वरिष्ठ मराठा नेता पवार ने कहा कि देश के तीन पड़ोसी देश हमारे साथ नहीं हैं और उसकी वजह हमारी केंद्र सरकार की नीतियां है। एक पाकिस्तान को अगर हम छोड़ दें तो हमारे बाकी के पड़ोसी मुल्क हमारे साथ थे और आज क्या स्थिति है? नेपाल में बीते तीन दिन में क्या हो रहा है वो हमने देखा है। वहां क्रांति हुई है, वहां के प्रधानमंत्री को जाना पड़ा। सरकार बर्खास्त हुई नए प्रधानमंत्री वहां आये हैं। जिस बांगलादेश की आजादी के लिए हमने त्याग किया वो देश हमारे साथ नहीं है। श्रीलंका हमारे साथ नहीं है और उसका कारण एक ही है वो है हमारे देश की सरकार की नीतियां, नीतियों में एक सूत्रता नहीं है।

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