राजस्थान के जिला न्यायालय में एक अहम फैसला सुनाया गया है। जिला जज सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने हत्या और जानलेवा हमले के दोषी नितेश तिवारी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया। नितेश तिवारी आसपुर देवसरा थानाक्षेत्र के रमगढ़ा निवासी हैं।
कोर्ट ने नितेश को शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी पाया और उसे इसके लिए दो वर्ष कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। विशेष बात यह है कि अदालत ने आदेश दिया कि अर्थदंड की आधी राशि मृतक देवानंद तिवारी के पिता को प्रदान की जाए। इससे मृतक के परिवार को न्यायिक राहत और कुछ आर्थिक सहायता मिलेगी।
राज्य की ओर से पैरवी डीजीसी योगेश शर्मा ने की। उन्होंने कोर्ट में सटीक और मजबूत पैरवी प्रस्तुत कर यह सुनिश्चित किया कि दोषी को उचित और कड़ा दंड मिले। अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि हत्या और जानलेवा हमले की घटना ने इलाके में भय और असुरक्षा की भावना पैदा की थी, इसलिए कानून का कठोर रूप से पालन किया जाना आवश्यक है।
जिला जज ने अपने फैसले में कहा कि हत्या और जानलेवा हमला गंभीर अपराध हैं और समाज में कानून के शासन को बनाए रखने के लिए ऐसे अपराधों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है। अदालत ने नितेश तिवारी के अपराध को गंभीरता से देखा और सजा सुनाते हुए स्पष्ट किया कि कानून किसी को भी अपराध करने की इजाजत नहीं देता।
मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार, नितेश तिवारी ने जानलेवा हमला कर देवानंद तिवारी की हत्या की थी। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने सभी सबूतों और गवाहों की सुनवाई के बाद दोषी ठहराया और न्यायसंगत सजा सुनाई।
विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत का यह फैसला कानून के कठोर पालन और अपराधियों के खिलाफ संदेश देने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इससे न केवल मृतक परिवार को न्याय मिलेगा, बल्कि समाज में भी यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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