अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध राजस्थान, अपने शहरों में अनूठे रंग-कोड के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। रंगों का यह प्रतीकात्मक प्रयोग न केवल स्थानीय परंपराओं को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्र की पहचान को भी गहराई से परिभाषित करता है। 18वीं शताब्दी से चली आ रही इस परंपरा की शुरुआत राजपूत शासकों ने की थी, जो रंगों के माध्यम से अपने राज्य को एक विशिष्ट पहचान देना चाहते थे।
जयपुर, गुलाबी नगर
"गुलाबी नगर" के रूप में विख्यात जयपुर, आतिथ्य और आतिथ्य के प्रतीक गुलाबी रंग से सुशोभित है। इस रंग को महाराजा राम सिंह द्वितीय ने 1876 में अपनाया था, जब उन्होंने प्रिंस ऑफ वेल्स की यात्रा के लिए अपने शहर को सजाया था। यह परंपरा तब से चली आ रही है, जिससे जयपुर पर्यटकों के लिए आकर्षक बन गया है।
जोधपुर, नीला नगर
"नीला नगर" के रूप में विख्यात जोधपुर, अपने नीले घरों के लिए प्रसिद्ध है, जो मूल रूप से ब्राह्मण समुदाय के निवास स्थान थे। इस रंग को गर्मी से राहत और कीड़ों से बचाव का एक प्राकृतिक उपाय भी माना जाता है, जो इसकी व्यावहारिकता को दर्शाता है।
उदयपुर, श्वेत रंग की शांति
"पूर्व का वेनिस" कहे जाने वाले उदयपुर में श्वेत रंग की शांति और पवित्रता झलकती है, जो इसके महलों और झीलों की भव्यता को और निखारती है। इस रंग ने शहर को एक दिव्य आभा प्रदान की है, जो इसे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाती है।
जैसलमेर, स्वर्णिम रेगिस्तान का आकर्षण
"स्वर्णिम नगरी" के नाम से विख्यात जैसलमेर, अपने पीले-भूरे रंग में रेगिस्तानी रेत की सुनहरी चमक समेटे हुए है। यह रंग थार रेगिस्तान के बीच इसके किलों और हवेलियों को एक अनोखा रूप देता है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और निखारता है।
रंगीन परंपराएँ
ये रंग-बिरंगी परंपराएँ राजस्थान की समृद्ध विरासत को जीवंत रखती हैं, जो पर्यटन और स्थानीय जीवन में गहराई से निहित हैं।
You may also like
वास्तु टिप्स: क्या घर में अक्सर शोर-शराबा रहता है? आर्थिक स्थिति खराब है? तो करें ये काम
Kerala High Court Important Remarks On Polygamy Among Muslims : खर्च नहीं उठा सकते तो…मुसलमानों में एक से अधिक शादी को लेकर केरल हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी, मुस्लिम पर्सनल लॉ का भी किया जिक्र
राजस्थान ग्रेड फोर्थ भर्ती परीक्षा: स्मार्टवॉच से नकल करते इंजीनियरिंग छात्र को पुलिस ने पकड़ा
धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रगान को लेकर उपेंद्र कुशवाहा का बडा बयान
5 कारण क्यों सुपर-4 में टीम इंडिया को पाकिस्तान से सचेत रहने की जरूरत, पहले भी हो चूका है नुकसान