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भजनलाल सरकार के इस फैसले पर भड़के पूर्व CM अशोक गहलोत, बोले - ''ये खबरें शर्मसार करने वाली हैं'

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राजस्थान के सरकारी अस्पतालों की बदहाल व्यवस्थाओं को उजागर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दर्द छलक आया। गुरुवार को अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने भजनलाल सरकार के उस फैसले का जिक्र किया, जिसमें कांग्रेस सरकार की 33 योजनाओं को फ्लैगशिप योजनाओं की सूची से बाहर कर दिया गया था। गहलोत के मुताबिक, इनमें स्वास्थ्य विभाग की कुछ योजनाएं भी शामिल हैं, जो राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं हैं। ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। इस स्थिति में सुधार की जरूरत है।

'कांग्रेस के समय राजस्थान स्वास्थ्य मॉडल राज्य बन गया था'

कांग्रेस नेता ने लिखा, 'हमारी कांग्रेस सरकार के दौरान राजस्थान देश का सबसे अच्छा स्वास्थ्य मॉडल राज्य बन गया था। सबसे ज्यादा बीमा कवरेज, सबसे ज्यादा नए पीएचसी, सीएचसी, उप-जिला अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल, जिला अस्पताल, रेफरल अस्पताल, नए मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, नए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, बेहतरीन कोविड प्रबंधन, स्वास्थ्य का अधिकार कानून आदि देशभर में चर्चा में थे। लेकिन अब मेडिकल से जुड़ी रोजाना आ रही खबरें राजस्थान की जनता के लिए शर्मनाक हैं। सरकारी अस्पतालों में न दवाइयां हैं, न ही इलाज हो रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि कई सरकारी अस्पतालों में गर्मी से निपटने के लिए कूलर या एसी तक नहीं हैं। मेंटेनेंस के पैसे न मिलने के कारण आरयूएचएस जैसे बड़े अस्पतालों के ऑपरेशन थियेटर में भी एसी नहीं है। मीडिया में तो यहां तक खबरें हैं कि कुछ मामलों में मरीज की जगह पिता की सर्जरी हो रही है तो कुछ मामलों में शव को सम्मान के साथ ले जाने के लिए शव वाहन भी उपलब्ध नहीं है।'

कोटा में बेटे की जगह पिता का चीरा

12 अप्रैल को कोटा मेडिकल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी, जहां स्टाफ ने अपने बेटे का ऑपरेशन करवाने आए पिता का चीरा काट दिया। जब अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को इस लापरवाही का पता चला तो हड़कंप मच गया। घटना के बाद कोटा मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने जांच कमेटी बनाकर अस्पताल अधीक्षक को तुरंत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। यह घटना 16 अप्रैल को सामने आई थी, जिसका जिक्र अब अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में किया है।

बिना एसी के ऑपरेशन थियेटर में कर दी सर्जरी

आरयूएचएस अस्पताल से कुछ दिन पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां एक मरीज की सर्जरी ऐसे ऑपरेशन थियेटर में कर दी गई, जहां एयर कंडीशनर काम नहीं कर रहा था। जब शिकायत सीएम भजनलाल तक पहुंची तो उन्होंने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार को आरयूएचएस के कार्यवाहक अधीक्षक महेंद्र बैनाडा और माइक्रोबायोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र पंडा को निलंबित कर दिया गया। यह भी सामने आया कि पिछले नौ महीने से मेंटेनेंस का भुगतान नहीं किया गया है और अस्पताल के सभी एसी काम नहीं कर रहे हैं।

गहलोत सरकार की ये योजनाएं फ्लैगशिप से बाहर हैं

निरोगी राजस्थान, शुद्ध के लिए युद्ध, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना, मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन, पालनहार योजना, अनुप्रति कोचिंग योजना, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, जन सूचना पोर्टल, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना जैसी गहलोत सरकार की लोकलुभावन और सामाजिक कल्याण केंद्रित योजनाओं को फ्लैगशिप से हटा दिया गया है। सूची।

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