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अगर युद्ध के हालात बने तो राजस्थान तैयार! हर जिले के लिए बना सुरक्षा प्लान, प्रशासन-सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर

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प्रदेश में मौजूदा हालात को देखते हुए अब नागरिक सुरक्षा को लेकर रणनीतिक तैयारियां तेज हो गई हैं। शनिवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में नागरिक सुरक्षा सलाहकार समिति की पहली बैठक हुई। बैठक में राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली की गहन समीक्षा की गई तथा युद्ध जैसी संभावित आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए बहुस्तरीय कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।

हर विभाग को सौंपी जिम्मेदारी
मुख्य सचिव पंत ने कहा कि राज्य के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नागरिक सुरक्षा प्रणाली को तत्काल सक्रिय किया जाए। उन्होंने होमगार्ड, फायर ब्रिगेड, जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग सहित सभी हितधारकों को मजबूत और समन्वित प्रयास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

व्यापक आपदा अभ्यास की रूपरेखा तैयार
बैठक में निर्णय लिया गया कि संभावित हवाई हमलों की स्थिति में सायरन बजाकर चेतावनी देने, ब्लैकआउट की स्थिति में नागरिकों को प्रशिक्षित करने, आग की घटनाओं पर नियंत्रण करने, घायलों को बचाने, प्राथमिक उपचार देने और संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने जैसे सभी आयामों को शामिल करते हुए व्यापक अभ्यास आयोजित किए जाएंगे।

सामुदायिक भागीदारी को दी जाएगी प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए सामुदायिक तैयारी जरूरी है। उन्होंने सिविल डिफेंस वार्डन, वालंटियर, एनसीसी, एनएसएस जैसे संगठनों की सक्रिय भागीदारी को निर्णायक बताया। साथ ही चेतावनी प्रणाली, आपातकालीन चिकित्सा, अग्निशमन, भोजन और पानी जैसे आवश्यक संसाधनों की समुचित योजना और अभ्यास की भी समीक्षा की गई।

मजबूत नागरिक सुरक्षा तंत्र' की जरूरत उभरी'
बैठक में सिविल डिफेंस निदेशक जगजीत सिंह मोंगा ने गृह रक्षा, अग्निशमन और नागरिक सुरक्षा के संयुक्त ढांचे पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने राज्य के सामरिक महत्व को देखते हुए कहा कि मजबूत नागरिक सुरक्षा तंत्र आज सबसे बड़ी जरूरत बन गई है।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार, चिकित्सा विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़, डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा, डीजीपी इंटेलीजेंस संजय अग्रवाल, एडीजी सिविल राइट्स मालिनी अग्रवाल, एडीजी एसडीआरएफ हवा सिंह घुमरिया समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक न केवल राज्य में आपदा प्रबंधन की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि राजस्थान अब नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव तैयारी में जुटा हुआ है।

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