कोलकाता, 16 सितम्बर (हि.स.) । उत्तर कोलकाता के चालताबागान सर्वजनिन दुर्गा पूजा कमिटी इस बार अपने मंडप के जरिए प्रवासी बंगाली मजदूरों की कथित परेशानियों और अपमान को सामने लाने जा रही है। पूजा का थीम रखा गया है – आमी बांगलाय बोल्छी (मैं बंगाली में बोल रहा हूं)।
इस थीम के जरिए मंडप में बंगाली भाषा की मिठास, भाषा आंदोलन, और उन महान बुद्धिजीवियों व समाज सुधारकों के योगदान को दिखाया जाएगा जिन्होंने बंगाली अस्मिता और संस्कृति को नई पहचान दी। पूरे मंडप को ऐसे संदेशों से सजाया जाएगा जो प्रवासी मजदूरों और बंगाली भाषा पर हो रहे कथित हमलों का विरोध करेंगे।
कमिटी के सदस्य मौसम मुखर्जी ने कहा, “हमने बंगाल के सबसे बड़े उत्सव के मंच को इस संदेश के लिए चुना है। कई लोग हमारी मातृभाषा का सम्मान नहीं करते और उसे नीचा दिखाते हैं, लेकिन बंगाली अपनी भाषा पर गर्व करता है। हमारी भाषा का महत्व केवल एक देश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पूरी दुनिया मान्यता देती है। इसलिए इसकी महत्ता को सबके सामने रखना जरूरी है।”
दरअसल पिछले कुछ महीनों से देशभर में प्रवासी बंगाली मजदूरों के साथ कथित उत्पीड़न की खबरें सामने आई हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया था और इसे बंगाली भाषा तथा लोगों पर हमला बताया था। उन्होंने इसको लेकर एक भाषा आंदोलन भी शुरू किया और मजदूरों को बंगाल लौटने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार ने श्रमश्री योजना लागू की।
इस योजना के तहत लौटने वाले हर मजदूर को एकमुश्त पांच हजार रुपये यात्रा सहायता और रोजगार मिलने तक 12 महीने तक पांच हजार रुपये मासिक पुनर्वास सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, मजदूरों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001030009 भी जारी किया गया है।
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भाजपा का पलटवार
वहीं भाजपा ने इस थीम को लेकर कमिटी पर निशाना साधा है। भाजपा नेता तरून ज्योति तिवारी ने कहा, “ये लोग राज्य सरकार को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं ताकि पूजा अनुदान बढ़ाया जा सके। राज्य में इतने गंभीर मुद्दे हैं—आर.जी.कर घटना, भर्ती घोटाले, बेरोजगारी, तृणमूल नेताओं का भ्रष्टाचार—लेकिन इन पर बात नहीं होती। केवल वही मुद्दे उठाए जाते हैं जिनसे सरकार को प्रसन्न किया जा सके।”
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर
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