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जीएसटी काउंसिल ने इन प्रोडक्ट पर सबसे अधिक 40% टैक्स लगाने को मंज़ूरी दी, लक्ज़री गाड़ी खरीदना मुश्किल

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जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले दिन बुधवार को देर शाम कुछ प्रोडक्ट पर हाईएस्ट जीएसटी 40% को मंज़ूरी दी गई. इन प्रोडक्ट में तंबाकू उत्पाद और महंगी गाड़ियां शामिल हैं, जो अब इस मंज़ूरी के बाद महंगी होने वाली हैं. 40% जीएसटी के स्लैब में ऐसी वस्तुओं को नहीं रखा गया है जो आम आदमी के रोज़मर्राह के जीवन में इस्तेमाल हो रही हैं.



वस्तु एवं सेवा कर ( जीएसटी ) परिषद ने हानिकारक वस्तुओं की दरों में भारी बढ़ोतरी को मंज़ूरी दे दी है, जिससे उन्हें पहले के 28% स्लैब से हटाकर 40% की नई दर पर कर दिया गया है. यह "जीएसटी 2.0" का एक हिस्सा है, जो दो-स्लैब स्ट्रक्चर है जिसमें केवल 5% और 18% की दरें होंगी, जबकि हाई रेट 40% हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं पर लगाया जाएगा.



ये बदलाव 22 सितंबर 2025 तक लागू होने की उम्मीद है. परिषद ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों पर मौजूदा जीएसटी + सेस तब तक लागू रहेगा जब तक कि कंपनसेशन सेस लोन पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाते, जिसके बाद वे 40% स्लैब में स्थानांतरित हो जाएंगे.



जीएसटी परिषद की 3 सितंबर को हुई बैठक में इस बदलाव को अंतिम रूप दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में इन सुधारों का ज़िक्र करते हुए इन्हें नागरिकों के लिए "दिवाली का तोहफ़ा" बताया था.



यहां उन सभी की सूची दी गई है जिन पर हाईएस्ट टैक्स स्लैब लागू किया गया है.



तम्बाकू उत्पाद: पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, चबाने वाला तम्बाकू (जैसे ज़र्दा), अनिर्मित तम्बाकू, बीड़ी, सुगंधित तम्बाकू

  • परिवहन क्षेत्र: कुछ विलासिता/चयनित परिवहन-संबंधी वस्तुओं और सेवाओं पर कर 28% से बढ़ाकर 40% किया गया. विवरण एचएसएन सूची के तहत अधिसूचित किया जाएगा.
  • विविध हाई टैक्स वाली वस्तुएं: आयातित/शुल्क योग्य व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं और अन्य विविध वस्तुओं पर कर 28% से घटाकर 40% कर दिया.
  • 1200 सीसी से अधिक पेट्रोल इंजन और 1500 सीसी से अधिक डीजल इंजन वाली लक्जरी और प्रीमियम कारों पर 40% टैक्स लगेगा. सिन प्रोडक्ट टैक्स एक उत्पाद शुल्क है जो उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जिन्हें हानिकारक या सामाजिक रूप से महंगा माना जाता है.
  • उपभोग की कीमतें बढ़ाकर ये कर दोहरा उद्देश्य पूरा करते हैं. उपभोग को हतोत्साहित करते हुए आम आदमी के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करते हैं. दरअसल सिर्फ सिगरेट की खपत देश के सकल घरेलू उत्पाद के 1% से ज़्यादा को खत्म कर देती है, जिसके कारण सरकार जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर सिन टैक्स लगाती है.


40% टैक्स स्लैब में शामिल उत्पाद इस प्रकार हैं

  • तंबाकू और संबंधित उत्पाद: सिगरेट, सिगार, चबाने वाला तंबाकू, गुटखा, पान मसाला
  • चीनी-मीठे पेय: कार्बोनेटेड, कैफीनयुक्त पेय और ऊर्जा पेय
  • लक्जरी वाहन: हाई क्लास कार और एसयूवी जंक फ़ूड: चीनी, नमक या ट्रांस वसा से भरपूर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शराब जीएसटी के दायरे से बाहर है और राज्यों द्वारा उत्पाद शुल्क के माध्यम से इस पर अलग से कर लगाया जाता रहेगा.
इस बीच सिगरेट पर वर्तमान में 28% जीएसटी और कंपनसेशन सेस लगता है जो स्पेसिफिक और लोलेरम ड्यूटीज़ का मिक्स है. स्पेसिफिक सेस लंबाई के आधार पर 2.1 रुपये से 4.2 रुपये प्रति स्टिक तक अलग अलग होता है, जिसमें 5% (74 मिमी तक की स्टिक के लिए) और 36% (84 मिमी के लिए) का अतिरिक्त टैक्स शामिल है.

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