अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 245% कर दिया है. इसके बाद ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है. ऐसे में चीन ने अमेरिका के साथ ट्रेड टॉक शुरू करने की इच्छा जताई है. चीन भले ही अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हो गया है लेकिन उसने कुछ शर्तें भी रखी हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार चीन की सरकार की तरफ से जो प्रमुख शर्ते रखी गई है उनमें कूटनीति सम्मान की मांग, प्रतिबंधों के बाद भी ताइवान पर ध्यान देना, अमेरिकी व्यापार रुख आदि शामिल है. लड़ने से नहीं डरता चीन चीन सरकार का कहना है कि वे लड़ने से नहीं डरते हैं. लेकिन यदि अमेरिका चाहे तो इस समस्या को सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर सुलझा सकता है. ट्रंप प्रशासन ने चीन पर 245 % टैरिफ उस समय किया जब बीजिंग ने चीनी एयरलाइन द्वारा नए बोइंग विमान को खरीदने पर रोक लगा दी. इसके बाद व्हाइट हाउस की तरफ से बयान आया था कि उन्होंने 245 % का टैरिफ चीन के द्वारा जवाबी कार्यवाही के बाद लगाया है. धमकी देना बंद करें अमेरिकाचीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान का कहना है कि यदि अमेरिका इस मामले को सुलझाना चाहता है तो उसे सबसे पहले धमकी देना बंद कर देना चाहिए. इसके बाद इस मामले पर सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर बातचीत करनी चाहिए. चीन ने अमेरिका के सामने रखी ये शर्तें 1. चीन की मांग है कि अमेरिकी कैबिनेट के सदस्य द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों पर रोक लगाई जाए. 2. दोनों देशों के बीच में ट्रेड टॉक किया जाए. जिसके लिए अमेरिका का सुसंगत रख अपनाने की मांग है. 3. ताइवान पर अमेरिका नीति से जुड़ी चीन की चिंताओं को हल किया जाए. 4. इस मामले को सुलझाने के लिए एक प्रमुख वार्ताकार की नियुक्ति की जाए. जिन्हें ट्रंप से स्पष्ट समर्थन मिला हो. चीन ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति करने की मांग कर रहा है जो दोनों देशों के बीच में एक समझौता तैयार करें. ताकि दोनों देशों के प्रमुख नेता ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात के दौरान उस पर हस्ताक्षर किए जा सके. चीनी किसानों पर की गई टिप्पणी से खुश नहीं है चीनअपनी शर्तों में चीन ने अमेरिकी अधिकारियों की विशेष टिप्पणी का जिक्र नहीं किया. लेकिन अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने चीनी किसानों पर टिप्पणी की थी. इसके बाद चीन सरकार ने इस टिप्पणी पर असंतोष जारी किया था. वेंस ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हम चीनी किसानों से पैसे उधार लेते हैं ताकि उनके द्वारा बनाई गई चीज खरीद सके. इस टिप्पणी को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने असभ्य और अज्ञानता पूर्ण बताया था.
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