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4900 करोड़ रुपये का धमाका: भारत की पहली AI यूनिकॉर्न Fractal Analytics का आ रहा है IPO , जाने पूरी डिटेल

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भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यूनिकॉर्न कंपनी फ्रैक्टल एनालिटिक्स (Fractal Analytics) ने सेबी के पास 4900 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस आईपीओ से कंपनी का वैल्यूएशन $3.5 बिलियन से अधिक हो सकता है।



यह आईपीओ 1,279 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू और 3,620 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (OFS) से मिलकर बनेगा। OFS में क्विनाग बिडको लिमिटेड 1,462 करोड़ रुपये , टीपीजी फेट होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड 1,999 करोड़ रुपये, सत्या कुमारी रेमाला और राव वेंकटेश्वर रेमाला 29.5 करोड़ रुपये और जीएलएम फैमिली ट्रस्ट 129 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे। ऑफर बुक बिल्डिंग प्रोसेस के तहत होगा, जिसमें 75% हिस्सेदारी QIBs, 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और 10% रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए होगी। इसके अलावा, कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए 5% तक का रिजर्वेशन भी देगी।



आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स होंगे- कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड। कंपनी आईपीओ से पहले 255.8 करोड़ रुपये तक का प्री-आईपीओ प्लेसमेंट भी कर सकती है।



आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग फ्रैक्टर यूएसए में निवेश, कर्ज़ चुकाने, लैपटॉप खरीदने, भारत में नए ऑफिस खोलने, R&D और फ्रैक्टर अल्फा के तहत सेल्स व मार्केटिंग में निवेश, और रणनीतिक अधिग्रहण के लिए किया जाएगा।



2000 में स्थापित, फ्रैक्टल एनालिटिक्स के संस्थापक श्रीकांत वेलामकन्नी और प्रणय अग्रवाल हैं। कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, एनवीडिया, अल्फाबेट, अमेज़न, मेटा और टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियों को डेटा-ड्रिवन इनसाइट्स और एंड-टू-एंड AI सॉल्यूशंस प्रदान करती है। इसके पास कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स, रिटेल, टेक्नोलॉजी, मीडिया, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, लाइफ साइंसेज और BFSI सेक्टर में गहरी विशेषज्ञता है।



वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की ऑपरेशंस से आय 25.9% बढ़कर 2,765 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 2,196 करोड़ रुपये थी। वहीं, शुद्ध लाभ में सुधार हुआ और यह 22 करोड़ रुपये रहा, जबकि FY24 में 5.47 करोड़ रुपये का घाटा था। PAT मार्जिन -0.2% से बढ़कर 12.6% और EBITDA मार्जिन 10.6% से बढ़कर 17.4% हो गया।



(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)

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