रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघु रमन राजन ने ट्रंप टैरिफ पर बयान दिया है. उन्होंने न केवल अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% के टैरिफ की आलोचना की बल्कि इसे सिर पर बंदूक रखने वाली रणनीति बताया. उन्होंने कहा कि सिर पर बंदूक रखकर बातचीत नहीं की जाती. भारत चाहे तो रुस से तेल खरीदना कम या बंद भी कर सकता है, लेकिन अमेरिका द्वारा अपनाया जा रहा रवैया सही नहीं है.
रघुराम राजन ने ट्रंप टैरिफ पर क्या कहा?वेलोर इंटरनेशनल को दिए एक इंटरव्यू में रघु रमन राजन ने ट्रंप टैरिफ की आलोचना की. साथ ही उन्होंने इसे दबाव की रणनीति बताते हुए कहा कि ऐसे ट्रेड वार्ता नहीं की जाती.
रूस से तेल खरीदी बंद करना कोई बड़ी बात नहीं राजन ने अपने बयान में यह कहा कि भारत चाहे तो रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है. वह इसके लिए लगने वाली अतिरिक्त लागत को भी सहन कर लेगा. लेकिन इसके लिए अमेरिकी सरकार के द्वारा सार्वजनिक रूप से लिया गया फैसला किसी भी लोकतांत्रिक देश के हित में नहीं है. यदि अमेरिका द्वारा भारत से रूसी तेल को धीरे-धीरे बंद करने का आग्रह किया होता तो शायद भारत के द्वारा इसे आसानी से स्वीकार किया जा सकता था. लेकिन अब जब अमेरिका के द्वारा सार्वजनिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है और टैरिफ की धमकियां दी जा रही है उसके बाद यदि भारत रूस से तेल खरीदी बंद करता है तो उसे अमेरिका के आगे झुकने के रूप में देखा जाएगा.
अपने इंटरव्यू में राजन ने यह भी कहा कि भारत को अपने बाजारों को और ओपन करना चाहिए. साथ ही रूस से तेल खरीदने की रणनीति पर भी पुनः विचार किया जा सकता है, लेकिन सर पर बंदूक तान कर किसी भी प्रकार की ट्रेड वार्ता नहीं की जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि जब माहौल शांत होगा तो दोनों देशों के बीच में फिर से बातचीत होगी क्योंकि 50% का टैरिफ न केवल भारत के लिए बल्कि अमेरिका के लिए भी उचित नहीं है.
भारत पर 50% टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने का हवाला देते हुए भारत पर 50% का टैरिफ़ लगाया है. अमेरिका द्वारा लगाए गए अन्य देशों पर टैरिफ में भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगा है. बड़ी बात यह है कि अतिरिक्त 25% टैरिफ का फैसला प्रेसिडेंट ट्रंप के द्वारा तब लिया गया जब भारत और अमेरिका के बीच में ट्रेड डील पर बातचीत लगभग पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही थी. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ कई बयान दिए और भारत की अर्थव्यवस्था को मृत बताया. जिसे दोनों देशों के बीच की स्थिति तनावपूर्ण बन चुकी है.
रघुराम राजन ने ट्रंप टैरिफ पर क्या कहा?वेलोर इंटरनेशनल को दिए एक इंटरव्यू में रघु रमन राजन ने ट्रंप टैरिफ की आलोचना की. साथ ही उन्होंने इसे दबाव की रणनीति बताते हुए कहा कि ऐसे ट्रेड वार्ता नहीं की जाती.
रूस से तेल खरीदी बंद करना कोई बड़ी बात नहीं राजन ने अपने बयान में यह कहा कि भारत चाहे तो रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है. वह इसके लिए लगने वाली अतिरिक्त लागत को भी सहन कर लेगा. लेकिन इसके लिए अमेरिकी सरकार के द्वारा सार्वजनिक रूप से लिया गया फैसला किसी भी लोकतांत्रिक देश के हित में नहीं है. यदि अमेरिका द्वारा भारत से रूसी तेल को धीरे-धीरे बंद करने का आग्रह किया होता तो शायद भारत के द्वारा इसे आसानी से स्वीकार किया जा सकता था. लेकिन अब जब अमेरिका के द्वारा सार्वजनिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है और टैरिफ की धमकियां दी जा रही है उसके बाद यदि भारत रूस से तेल खरीदी बंद करता है तो उसे अमेरिका के आगे झुकने के रूप में देखा जाएगा.
अपने इंटरव्यू में राजन ने यह भी कहा कि भारत को अपने बाजारों को और ओपन करना चाहिए. साथ ही रूस से तेल खरीदने की रणनीति पर भी पुनः विचार किया जा सकता है, लेकिन सर पर बंदूक तान कर किसी भी प्रकार की ट्रेड वार्ता नहीं की जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि जब माहौल शांत होगा तो दोनों देशों के बीच में फिर से बातचीत होगी क्योंकि 50% का टैरिफ न केवल भारत के लिए बल्कि अमेरिका के लिए भी उचित नहीं है.
भारत पर 50% टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने का हवाला देते हुए भारत पर 50% का टैरिफ़ लगाया है. अमेरिका द्वारा लगाए गए अन्य देशों पर टैरिफ में भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगा है. बड़ी बात यह है कि अतिरिक्त 25% टैरिफ का फैसला प्रेसिडेंट ट्रंप के द्वारा तब लिया गया जब भारत और अमेरिका के बीच में ट्रेड डील पर बातचीत लगभग पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही थी. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ कई बयान दिए और भारत की अर्थव्यवस्था को मृत बताया. जिसे दोनों देशों के बीच की स्थिति तनावपूर्ण बन चुकी है.
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