केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जाता है। ऐसे ही मध्य प्रदेश में सरकार के द्वारा भावांतर योजना चलाई जा रही है? इस योजना के लिए किसान 17 अक्टूबर 2025 तक रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। चलिए जानते हैं भावांतर योजना क्या है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
भावांतर योजना क्या है?मध्य प्रदेश के किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम दिलवाने के लिए सरकार के द्वारा भावांतर योजना चलाई जा रही है। यह योजना मुख्य रूप से सोयाबीन किसानों के लिए है। ताकि उन्हें सोयाबीन का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके। योजना के अंतर्गत अभी तक 61,970 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।
सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्यकेंद्र सरकार के द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। यानी किसानों को उनकी फसल का इतना दाम तो मिलेगा ही। पहले सरकार के द्वारा गेहूं और का उत्पादन करने वाले किसानों को भी सही दाम दिलाने के लिए प्रयास किए गए हैं। अब सोयाबीन उत्पादन करने वाले किसानों पर मध्य प्रदेश सरकार विशेष फोकस कर रही है।
भावांतर योजना के लिए रजिस्ट्रेशनयोजना के लिए सोयाबीन उत्पादन करने वाले किसान बढ़-चढ़कर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन की तिथि 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है जो 17 अक्टूबर तक रहेगी। इस योजना के अंतर्गत किस 24 अक्टूबर 2025 से लेकर 15 जनवरी 2026 तक लाभ ले पाएंगे। योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ग्राम स्तर पर जनपद पंचायत, तहसील, कार्यालय के माध्यम से की जा रही है।
पंजीकरण के बाद होगा सत्यापन योजना का लाभ पात्र किसानों को मिले इसके लिए सरकार के द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया भी की जाएगी। राजस्व विभाग के द्वारा जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ है उनके रकबे के सत्यापन की प्रक्रिया होगी। इसके बाद लाभ की राशि किसानों के खाते में भेजी जाएगी। योजना के लिए निशुल्क रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है।
यदि आप भी मध्य प्रदेश के किसान हैं और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो सभी जरूरी दस्तावेज तैयार करके रजिस्ट्रेशन करवा और भावांतर योजना का लाभ ले सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों के हित में कई फैसले लिए जा रहे हैं। जिनकी जानकारी पंचायत स्तर पर भी किसान प्राप्त कर सकते हैं।
भावांतर योजना क्या है?मध्य प्रदेश के किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम दिलवाने के लिए सरकार के द्वारा भावांतर योजना चलाई जा रही है। यह योजना मुख्य रूप से सोयाबीन किसानों के लिए है। ताकि उन्हें सोयाबीन का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके। योजना के अंतर्गत अभी तक 61,970 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।
सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्यकेंद्र सरकार के द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। यानी किसानों को उनकी फसल का इतना दाम तो मिलेगा ही। पहले सरकार के द्वारा गेहूं और का उत्पादन करने वाले किसानों को भी सही दाम दिलाने के लिए प्रयास किए गए हैं। अब सोयाबीन उत्पादन करने वाले किसानों पर मध्य प्रदेश सरकार विशेष फोकस कर रही है।
भावांतर योजना के लिए रजिस्ट्रेशनयोजना के लिए सोयाबीन उत्पादन करने वाले किसान बढ़-चढ़कर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन की तिथि 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है जो 17 अक्टूबर तक रहेगी। इस योजना के अंतर्गत किस 24 अक्टूबर 2025 से लेकर 15 जनवरी 2026 तक लाभ ले पाएंगे। योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ग्राम स्तर पर जनपद पंचायत, तहसील, कार्यालय के माध्यम से की जा रही है।
पंजीकरण के बाद होगा सत्यापन योजना का लाभ पात्र किसानों को मिले इसके लिए सरकार के द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया भी की जाएगी। राजस्व विभाग के द्वारा जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ है उनके रकबे के सत्यापन की प्रक्रिया होगी। इसके बाद लाभ की राशि किसानों के खाते में भेजी जाएगी। योजना के लिए निशुल्क रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है।
यदि आप भी मध्य प्रदेश के किसान हैं और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो सभी जरूरी दस्तावेज तैयार करके रजिस्ट्रेशन करवा और भावांतर योजना का लाभ ले सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों के हित में कई फैसले लिए जा रहे हैं। जिनकी जानकारी पंचायत स्तर पर भी किसान प्राप्त कर सकते हैं।
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