उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंगलवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में, उन्होंने निर्देश दिया कि स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उनका मानना है कि गीता का अध्ययन बच्चों को नैतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करेगा।
बैठक के दौरान, सीएम धामी ने सभी स्कूलों का निरीक्षण मानसून से पहले कराने का आदेश दिया। उन्होंने स्कूलों की इमारतों, रास्तों और अन्य सुविधाओं की स्थिति का गंभीरता से मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अगले दस वर्षों के लिए एक स्पष्ट योजना बनाने की बात कही।
राज्य सरकार ने क्लस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। पहले चरण में, हर जिले में एक हॉस्टल स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, 559 क्लस्टर विद्यालयों के छात्रों के लिए परिवहन सुविधा का प्रस्ताव भी जल्द ही मांगा जाएगा।
सीएम ने छात्रों को समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गहन अध्ययन करने को कहा। उन्होंने एनसीसी और एनएसएस को बढ़ावा देने के लिए उन स्कूलों की पहचान करने के निर्देश दिए, जहां ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए, सीएम धामी ने औद्योगिक संस्थानों से सीएसआर फंड के माध्यम से सहयोग लेने की बात कही। उन्होंने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय अध्ययन, सांस्कृतिक विरासत, और स्वास्थ्य शिक्षा को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि छात्रों को संवेदनशील और ज्ञानवान नागरिक बनाने में भी सहायक होगी।
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