अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन में बुढ़ापे और उससे जुड़ी बीमारियों के खिलाफ एक नई रणनीति विकसित की है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के शोधकर्ताओं की टीम ने कोशिकाओं को युवा अवस्था में पुनः प्रोग्राम करने वाले रसायनों की पहचान की है। पहले यह केवल जीन थेरेपी के माध्यम से संभव था।
जर्नल एजिंग-यूएस में प्रकाशित इस अध्ययन में यह दर्शाया गया है कि विशेष जीन की अभिव्यक्ति, जिसे यामानाका कारक कहा जाता है, वयस्क कोशिकाओं को प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल (iPSCs) में बदल सकती है। इस खोज ने यह सवाल उठाया है कि क्या कोशिकाओं को कैंसर के बिना युवा बनाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने उन अणुओं का अध्ययन किया जो मिलकर कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलट सकते हैं। उन्होंने युवा और वृद्ध कोशिकाओं के बीच अंतर करने के लिए उच्च-थ्रूपुट सेल-आधारित परीक्षण विकसित किए। इस प्रक्रिया में, टीम ने छह रसायनों के मिश्रण की पहचान की जो कोशिकाओं को युवा अवस्था में वापस लाने में सक्षम हैं।
डेविड ए. सिंक्लेयर, हार्वर्ड में जेनेटिक्स विभाग के प्रोफेसर, ने कहा कि अब हम उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटने में सक्षम हैं। पहले यह केवल जीन थेरेपी के माध्यम से संभव था, लेकिन अब रासायनिक विकल्पों के साथ यह अधिक सुलभ हो सकता है।
इस खोज के परिणाम दूरगामी हो सकते हैं, जिससे पुनर्योजी चिकित्सा और पूरे शरीर के कायाकल्प के नए रास्ते खुल सकते हैं। हाल ही में बंदरों पर किए गए प्रयोगों में सकारात्मक परिणाम मिले हैं, और मानव पर क्लिनिकल परीक्षणों की तैयारी चल रही है। सिनक्लेयर ने कहा कि यह खोज बुढ़ापे को उलटने की क्षमता प्रदान करती है, जिसमें आंखों की रोशनी में सुधार और उम्र से संबंधित बीमारियों का प्रभावी उपचार शामिल है।
You may also like
Excise Policy Issue : पासपोर्ट नवीनीकरण हेतु एनओसी के लिए अरविंद केजरीवाल पहुंचे दिल्ली कोर्ट
IPL 2025: पंजाब किंग्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, क्वालीफायर-1 के लिए ऐसी हो सकती है दोनों टीमों की प्लेइंग XI
बेंगलुरु में एक्सेल का एआई समिट भारत की उभरती वैश्विक ताकत को दिखाएगा
गदर तेलंगाना फिल्म पुरस्कार 2024 : अल्लू अर्जुन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, 'कल्कि' सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म
अप्रैल में भारत में कुल टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़कर 1,203.84 मिलियन हुई