हिमालय की बर्फीली वादियों में तैनात सैनिकों को अब ठंड से जूझने की आवश्यकता नहीं होगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने उनके लिए एक विशेष सूट तैयार किया है।
इस सूट का नाम 'हिमकवच' है, जो +20°C से -60°C तक के तापमान में उपयोग किया जा सकता है। इसे विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र में ठंडे मौसम में सैन्य अभियानों के लिए विकसित किया गया है। HIMKAVACH ने सभी उपयोगकर्ता परीक्षणों को सफलतापूर्वक पास कर लिया है।
DRDO का HIMKAVACH क्यों है खास?
HIMKAVACH को DRDO के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज (DIPAS) द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली 'Insulation Required (IREQ)' की अवधारणा पर आधारित है, जो इसे अत्यधिक ठंड में भी गर्म रखने में सक्षम बनाती है।
मॉड्यूलर डिजाइन: इसे विभिन्न परिस्थितियों में उपयोग के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।
ऑल-वेदर ऑपरेशन: इसे सभी प्रकार के मौसम में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मजबूती और टिकाऊपन: इसमें सैन्य उपयोग के लिए आवश्यक मजबूत सामग्री का उपयोग किया गया है।
सेना को क्या लाभ होगा?
HIMKAVACH का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह सैनिकों को अत्यधिक ठंड में सुरक्षित रखता है। हिमालयी क्षेत्र में, जहां तापमान -60°C तक गिर सकता है, सैनिकों को लंबे समय तक बाहर रहकर काम करना पड़ता है। यह 'हिमकवच' उन्हें न केवल गर्म रखेगा, बल्कि उनकी गतिशीलता को भी बनाए रखेगा।
इस सूट में थर्मल इंसुलेशन की क्षमता है, जो शरीर से निकलने वाली गर्मी को अंदर बनाए रखती है और बाहरी ठंड को प्रवेश नहीं करने देती। इसके अलावा, यह हल्का और पहनने में आरामदायक है, जिससे सैनिक आसानी से गतिशील रह सकते हैं।
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