भारत बायोटेक. (सांकेतिक तस्वीर)
भारत में पहली बार वर्टिकली इंटीग्रेटेड सेल और जीन थेरेपी का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है। कोविड-19 के दौरान देसी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने जीनोम वैली में इस पहल की शुरुआत की है। सरल शब्दों में, यह जीन और कोशिका उपचार के एक नए युग की शुरुआत है, जो हाल के समय की चुनौतियों का सामना करने में सहायक साबित हो सकता है।
कैंसर के उपचार में सहायक कैंसर के इलाज में होगा कारगर
भारत बायोटेक के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन डॉ. कृष्णा एला ने बताया कि यहां कैंसर के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देने, इम्यून सिस्टम मॉड्यूलेशन और सेल के लंबे समय तक जीवित रहने पर काम किया जाएगा। इसके अलावा, हीमोफिलिया जैसी आनुवंशिक बीमारियों के लिए चिकित्सीय प्रोटीन को सुरक्षित रखने के तरीकों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
विशाल कैम्पस का निर्माण बनाया गया बड़ा कैम्पस
भारत बायोटेक के अनुसार, 50,000 वर्ग फुट का अत्याधुनिक सीजीटी केंद्र स्थापित किया गया है, जो वैश्विक मानकों के अनुसार जीवन रक्षक उपचार प्रदान करेगा। इसमें हेमेटोलॉजिकल मैलिग्नेंसी और विरासत में मिली रक्त विकारों जैसी गंभीर स्थितियों का उपचार किया जाएगा।
डॉ. एला ने कहा कि जीन और सेल थेरेपी आज के सबसे जटिल और वैज्ञानिक रूप से उन्नत उपचारों में से हैं, जिनमें सटीक आनुवंशिक हेरफेर की आवश्यकता होती है।
सस्ती चिकित्सा का लक्ष्य इलाज होगा सस्ता
भारत बायोटेक के मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राचेस एला ने कहा कि भारत का उद्देश्य जीन थेरेपी को सुलभ बनाना है, जो पारंपरिक रूप से महंगी मानी जाती है। हमारी सीजीटी सुविधा उच्च-टिटर वायरल वेक्टर का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो कैंसर और आनुवंशिक विकारों के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, इसमें विभिन्न रोग संकेतों के लिए कई प्लेटफ़ॉर्म उत्पादों का निर्माण करने की क्षमता भी है।
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