भारत के शीर्ष वकील: वकील न्याय के रक्षक माने जाते हैं, जो सच और कानून के साथ खड़े रहते हैं। वे हर मुद्दे को तर्क के माध्यम से सुलझाते हैं और इंसाफ की उम्मीद जगाते हैं।
इस रिपोर्ट में जानिए कि भारत के वकीलों की शीर्ष सूची में कौन-कौन शामिल हैं। उनकी फीस इतनी होती है कि एक-दो सुनवाई से ही एक सामान्य व्यक्ति का घर और गाड़ी का सपना पूरा हो सकता है।
हरीश साल्वे: कानूनी विरासत और करियर की कहानी
भारत के प्रमुख वकीलों में से एक, हरीश साल्वे, न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कानूनी क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 22 जून 1955 को एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके पिता एन.के.पी. साल्वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और उनकी मां डॉक्टर थीं। उनके दादा एक प्रसिद्ध आपराधिक वकील थे।
साल्वे ने अपने करियर की शुरुआत वरिष्ठ वकीलों के साथ की, जिनमें नानी पाल्खीवाला और सोली सोराबजी शामिल हैं। उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जैसे कुलभूषण जाधव केस। उनकी फीस आज 35 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
मुकुल रोहतगी: कानूनी क्षेत्र में चार दशकों का अनुभव
मुकुल रोहतगी का नाम कानूनी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनका जन्म 1955 में मुंबई में हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से की और दिल्ली बार काउंसिल से वकालत की शुरुआत की। उनकी फीस एक से दो करोड़ रुपये है।
रोहतगी ने 1993 में दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट के रूप में नियुक्ति प्राप्त की। वे 2014 से 2017 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे हैं। उनके द्वारा कई हाई-प्रोफाइल मामलों में प्रतिनिधित्व किया गया है।
पी. चिदंबरम: वकील से गृहमंत्री तक का सफर
पी. चिदंबरम, जो भारत के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में से एक हैं, ने सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्टों में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने 1984 में राजनीति में कदम रखा और कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उनकी फीस प्रति सुनवाई 10-12 लाख रुपये है।
अभिषेक मनु सिंघवी: राजनीति और कानून में उत्कृष्टता
अभिषेक मनु सिंघवी, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, तेलंगाना से राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और 40 वर्षों के करियर में कई प्रमुख नेताओं का प्रतिनिधित्व किया है। उनकी फीस 6 से 11 लाख रुपये प्रति पेशी है।
कपिल सिब्बल: कानून और राजनीति में प्रभावशाली उपस्थिति
कपिल सिब्बल, जो 1948 में जालंधर में जन्मे, एक प्रतिष्ठित वकील और नेता हैं। उन्होंने 1972 में वकालत शुरू की और कई हाई-प्रोफाइल मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी फीस प्रति सुनवाई 10-12 लाख रुपये है।
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