FBI Raids ex-NSA John Bolton: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला बोला और ट्रंप को ‘असामान्य राष्ट्रपति’ करार दिया. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कह किया कि ट्रंप राष्ट्रपति बनने के लायक नहीं हैं और उनकी उलझन भरी नीतियों की वजह से भारत के साथ अमेरिका का सालों पुराना रिश्ता ‘बेहद खराब स्थिति’ में पहुंच गया है. इसके बाद जॉन बोल्टन की मुश्किल बढ़ गई है और एफबीआई (FBI) ने उनके मैरीलैंड स्थित घर के अलावा वॉशिंगटन ऑफिल की तलाशी ली है. यह कार्रवाई गोपनीय सूचनाओं के संभावित दुरुपयोग की आपराधिक जांच के तहत की गई.
तो क्या बोल्टन से नाराज हैं ट्रंप और ले रहे बदला?
पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन के खिलाफ तलाशी से यह चिंताएं फिर से उभर सकती हैं कि ट्रंप प्रशासन अपनी कानून प्रवर्तन शक्तियों का इस्तेमाल रिपब्लिकन पार्टी के दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए कर रहा है और यह ट्रंप के कथित दुश्मन के खिलाफ न्याय विभाग द्वारा उठाया गया अब तक का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक कदम प्रतीत होता है. ये तलाशी ऐसे समय में हो रही हैं, जब ट्रंप प्रशासन अन्य आलोचकों की गतिविधियों की जांच करने के लिए आगे आया है, जिन्होंने ट्रंप को उनके पहले कार्यकाल के अधिकांश समय में परेशान किया था. बता दें कि इस साल राष्ट्रपति पद संभालते ही ट्रंप ने बोल्टन समेत चार दर्जन से ज्यादा पूर्व खुफिया अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी.
कभी डोनाल्ड ट्रंप के बेहद खास थे बोल्टन
साल 2019 में बर्खास्त किए जाने के बाद से ही पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुखर आलोचक रहे हैं और व्हाइट हाउस में अपने कार्यकाल पर लिखी एक तीखी किताब को लेकर पहले ट्रंप प्रशासन से लड़ाई लड़नी पड़ी थी. उनकी किताब में गोपनीय जानकारी होने का आरोप लगाकर ट्रंप प्रशासन ने प्रकाशन को रोकने की असफल कोशिश की थी. हालांकि, इससे पहले वो डोनाल्ड ट्रंप के बेहद खास थे और ट्रंप की पिछली सरकार के दौरान 17 महीनों अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे थे. लेकिन, ईरान, अफगानिस्तान और उत्तर कोरिया को लेकर उनके और ट्रंप के बीच मतभेद रहा.
भारत का समर्थन करने से बढ़ी पूर्व NSA बोल्टन मुसीबत?
हाल ही में जॉन बोल्टन ने रूसी तेल खरीदने की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना की थी. इसके साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि ट्रंप की ये नीतियां भारत को रूस और चीन के करीब कर सकती हैं. बोल्टन ने कहा था कि भारत को अकेले निशाना बनाना गलत है. बोल्टन ने ट्रंप की नीतियों को ‘बिना दिशा’ वाला बताते हुए कहा था कि ट्रंप पहले चीन के साथ बड़ा व्यापार समझौता चाहते थे, लेकिन अब भारत पर सख्ती और चीन को छूट दे रहे हैं. चीन वैश्विक व्यापार में सबसे खराब खिलाड़ी है. वह बौद्धिक संपदा चुराता है, अपनी कंपनियों को सब्सिडी देता है, फिर भी ट्रंप ने उसे 180 दिन की छूट दी. उन्होंने सवाल उठाया कि भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है, जबकि वह नियमों का पालन कर रहा है.
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