Hathras Latest News: हाथरस रेलवे स्टेशन के पास से यूपी पुलिस ने एक युवक को पकड़ा है. पकड़ा गया युवक रेलवे स्टेशन के पास घूम रहा था जब पुलिस ने तलाशी की तो जो मिला देख हर किसी के होश उड़ गए. आइए जानते हैं पूरा मामल…और पढ़ें
हाथरस. जन सेवा केंद्र संचालकों के साथ साइबर ठगी करने वाले शातिर ठग को पुलिस ने हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशन के निकट से गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए शातिर ठग के पास से पुलिस ने एक लाख चालीस हजार रुपये की नगदी के अलावा अन्य सामान बरामद किया. पकड़ा गया शातिर ठग ग्वालियर के थाना मुरार के त्यागी नगर का रहने वाला है. आइए जानते हैं पूरा मामला.
17 को अजय कुमार पुत्र गंगा प्रसाद निवासी नगला राम सिंह ममौता कला थाना सासनी ने पुलिस को तहरीर देकर सूचना दी कि पिछले साल 30 अक्टूबर को दीपिका साहू नाम से एक महिला ने फोन कर बताया कि एक्सिस बैंक की मैम्बर आईडी एक्सप्रेस मनी पेंमेट एप के माध्यम से पैसों का लेन देन करने पर आपको अच्छा कमीशन दिया जायेगा. जब एप्प के माध्यम से मैंने लेन देन शुरू किया, तो पैसे नहीं डालने के बाद निकासी नहीं हुई. जिसके सम्बन्ध में बात करने पर बताया कि 60 हजार रूपये की लिमिट पूरी होने के बाद निकासी होगी.
60 हजार रूपये डालने के बाद भी निकासी ना होने पर वादी को जानकारी हुई कि उसके साथ फ्राड हो गया है. वहीं भूपेन्द्र सिंह पुत्र सुखवीर सिंह निवासी गिरधर पुर थाना हसायन के साथ भी इसी प्रकार की ठगी 60 हजार रुपये की हुई. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद छानबीन शुरु कर दी. शुक्रवार को थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने फर्जी वेवसाइट और एप्लीकेशन के माध्यम से रूपयों की ठगी करने की घटना का सफल अनावरण करते हुए 1 अभियुक्त को हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया. जिसके कब्जे से 3 आधार कार्ड, 2 चैक बुक, 2 मोबाईल (स्मार्टफोन), 2 एटीएम कार्ड, एक लाख चार हजार रुपये बरामद किए.
अच्छी कमीशन और विदेश घुमाने का देते थे लालच पकड़े गए शातिर ठग संदीप शर्मा पुत्र महेन्द्र शर्मा निवासी त्यागी नगर,थाना मुरार, जिला ग्वालियर ने पुलिस को बताया कि विशेष रूप से जनसेवा केन्द्र संचालकों को टारगेट कर उनको फोन कर मनी एक्सप्रेस के नाम से अपनी कम्पनी बताते थे और अपनी वैबसाइट के बारे में भी बताते थे. साथ ही उनको अपनी कम्पनी की ओर से अच्छा कमीशन, देश और विदेश घूमने की ट्रिप (होली-डे) जैसे लोभ लुभावने ऑफर देते थे और अपनी वेबसाइट को गूगल पर सर्च करने की कहते थे.
गूगल पर सर्च करने पर रूपये ट्रांसफर और मोबाइल रीचार्ज, डीटीएच रीचार्ज आदि करने की फर्जी वैवसाइट खुल जाती थी, और शातिर अभियुक्त व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी लिंक फाइल भेजकर मोबाइल में एप्प इंस्टाल करा देते थे और उस एप से लेन-देन करने पर रूपये जमा होते रहते थे. परन्तु रूपयों की निकासी नहीं होती थी. जैसे ही 60 हजार की रकम हो जाती थी, उसे साइबर ठग निकाल लेते थे. उक्त घटना में तीन अन्य अभियुक्त प्रकाश में आये है. पुलिस की ओर से शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु टीम गठित कर सार्थक प्रयास किये जा रहे है.
जनसेवा केंद्र संचालकों के साथ ठगी करने का मामला संज्ञान में आने पर मुकदमा दर्ज कराया गया. टाक्स फोर्स गठित करने के बाद एक अभियुक्त को पकड़ा गया. केंद्र संचालकों से संपर्क कर उनके मोबाइल में एप डाउनलोड कराने के बाद अच्छी कमीशन और विदेश घुमाने का लालच
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