चित्तौड़गढ़, 5 सितंबर (Udaipur Kiran News). रविवार को लगने वाला खग्रास चंद्र ग्रहण भारत सहित विश्व के कई देशों में दिखाई देगा. इस दौरान जिले के प्रमुख मंदिरों में दर्शन बंद रहेंगे. सांवलियाजी मंदिर प्रशासन ने जानकारी दी कि ग्रहण के कारण सूतक काल में मंदिर के पट बंद रहेंगे और श्रद्धालुओं के दर्शन नहीं होंगे.
मंदिर प्रशासन की जानकारीमंदिर पंचांग के अनुसार, ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को होगा.
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विरल छाया प्रवेश: रात 08:58 बजे
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स्पर्श काल: रात 09:57 बजे
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मोक्ष काल: रात 01:27 बजे
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विरल छाया निर्गम: रात 02:25 बजे
इस प्रकार रविवार दोपहर 12:50 बजे से रात 02:25 बजे तक सूतक काल रहेगा. इस दौरान सांवलियाजी मंदिर मंडफिया (चित्तौड़गढ़) सहित अन्य प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ग्रहण के समय दर्शन के लिए न आएं और दर्शन पट खुलने के बाद ही मंदिर पहुंचे. 8 सितंबर की सुबह 4 बजे से मंदिर की नियमित गतिविधियां शुरू होंगी और प्रातः 5:30 बजे से मंगला दर्शन होंगे.
चंद्र ग्रहण का प्रभाव और राशियों पर असरहजारेश्वर महादेव मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि यह ग्रहण सप्त भीषा नक्षत्र में पड़ रहा है, जिसका स्वामी राहु है. इस कारण ग्रहण का असर शुभ और अशुभ दोनों प्रकार से देखा जाएगा.
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शुभ राशियां: मेष, वृषभ, कन्या, धनु
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सामान्य फल: मिथुन, तुला, सिंह, मकर
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अशुभ प्रभाव: कर्क, वृश्चिक, कुंभ, मीन – इन राशियों के लोगों को चंद्र ग्रहण के दर्शन से बचना चाहिए.
उन्होंने बताया कि ग्रहण के प्रभाव से अकाल, संक्रामक रोग, तूफान और आंधी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं. कई वस्तुओं के मूल्य भी बढ़ सकते हैं. ग्रहण काल में गणपति अथवा अपने इष्टदेव की पूजा करने की सलाह दी गई है. दोपहर 12 बजे के बाद भोजन न करने और ग्रहण समाप्त होने तक अन्न-जल से परहेज करने का भी उल्लेख किया गया.
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