रायबरेली/नई दिल्ली, 20 अक्टूबर . करवाचौथ का त्यौहार आज सुहागिनें मना रही है. दिन भर निर्जला व्रत में रहते हुए महिलाएं करवा माता और भगवान गणेश की पूर्जा-अर्चना कर पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. देर शाम चांद को अर्घ्य देकर महिलाएं व्रत खोलती हैं. इस दिन सोलह श्रृंगार का विधान है. यूपी का रायबरेली हो या देश की राजधानी दिल्ली, महिलाएं सजने धजने के सारे जतन करती दिखीं. हाथों में मेंहदी रचाने की खुशी चेहरों पर साफ झलकी.
सुहागिनों ने अपने पिया के नाम की मेंहदी लगाई. रायबरेली के साथ ही साथ राजधानी दिल्ली में भी सुहागिनें काफी उत्साहित दिखीं. मेंहदी लगवा रही एक महिला ने कहा, “मैंने व्रत रखा हैं और अपने पति के साथ चांद को अर्घ्य देकर व्रत खोलूंगी.
यह त्यौहार महिलाओं के लिए बहुत खास होता है, खासकर मेरे लिए क्योंकि यह मेरे बच्चे के साथ पहला करवा चौथ है. अभी मैं मेंहदी लगवा रही हूं और यह खूबसूरत लग रही है. मैं इस खास मेंहदी को लगवाने के लिए गुड़गांव से आई हूं. बाजार में अच्छी व्यवस्था है और मैं अक्सर यहां आती रहती हूं, आज मैं स्पेशल दूध वाली मेंहदी लगवाने आई हूं.”
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, माता गौरी ने भगवान शिव के लिए करवाचौथ का व्रत किया था. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुबह स्नान कर सोलह श्रृंगार करती हैं. इसके बाद स्वच्छ जगह पर माता करवा और भगवान गणेश की तस्वीर रखकर पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान कलश की स्थापना भी की जाती है. महिलाएं दो करवा साथ में रखती हैं. एक से वह शाम के वक्त चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का खोलती हैं और दूसरे करवा को वह सुहागिन महिलाओं में आदान-प्रदान कर लेती हैं.
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डीकेएम/केआर
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