बर्लिन, 26 अप्रैल . जर्मनी की राजधानी बर्लिन में स्थित भारतीय दूतावास ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की याद में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया.
हमले में 26 बेगुनाह लोगों की मौत हो गई थी. अटैक की जिम्मेदारी पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक गुट, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी.
शुक्रवार को हुए दूतावास में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए. इनमें जर्मन सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, राजनयिक और जर्मनी में रहने वाले भारतीय शामिल थे.
जर्मनी में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने हमले के पीड़ितों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह बयान साझा किया, जिसमें उन्होंने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी.
राजदूत गुप्ते ने कहा कि हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट रही है, खासकर वहां बढ़ते पर्यटन के कारण. लेकिन कुछ अपराधी इस शांति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया और न्याय व शांति के लिए एकजुटता दिखाई. सभी ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में एक मिनट का मौन रखा.
इस भयानक हमले के बाद जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने भी इसकी कड़ी निंदा की थी और इसे ‘पहलगाम में पर्यटकों पर किया गया कायरतापूर्ण आतंकी हमला’ बताया था.
एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “हम पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं और घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं. भारत के लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं.”
24 अप्रैल को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जर्मन चांसलर के विदेश और सुरक्षा मामलों के सलाहकार जेन्स प्लॉटनर से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पहलगाम हमले पर बात की और भारत-जर्मनी के आपसी सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की.
जयशंकर ने जर्मनी के समर्थन के लिए धन्यवाद करते हुए एक्स पर लिखा, “आज जर्मन चांसलर के विदेश और सुरक्षा मामलों के सलाहकार जेन्स प्लॉटनर से मिलकर खुशी हुई. भारत में हाल ही में हुए आतंकी हमले पर जर्मनी की एकजुटता की मैं सराहना करता हूं.”
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एसएचके/एमके
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