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पेनल्टी स्ट्रोक मिस करने पर हरमनप्रीत सिंह ने कहा, 'यह खेल का हिस्सा है'

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नई दिल्ली, 23 अक्टूबर . भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह, जो अपनी गोल करने की क्षमता के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं, बुधवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में दो मैचों की द्विपक्षीय हॉकी सीरीज के पहले मैच में जर्मनी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पेनल्टी स्ट्रोक चूक गए.

भारतीय कप्तान ने मैच के बाद अपने चूके हुए मौके पर बात की और टीम के प्रदर्शन पर कहा कि अगले मुकाबले में टीम कमबैक करेगी.

उन्होंने मैच के बाद से कहा, “यह खेल का हिस्सा है, मैंने भी गोलकीपर को चकमा दिया, लेकिन उसने अच्छा बचाव किया. अगर हम पूरे खेल को देखें तो हमने अच्छा प्रदर्शन किया. हमने गेंद को अच्छी तरह संभाला, लेकिन डिफेंस में हम निश्चित रूप से बेहतर हो सकते हैं. अगले मुकाबले के लिए हम जहां कमी महसूस कर रहे थे, उस पर काम करेंगे.”

हरमनप्रीत हाल के मुकाबलों में भारत के सबसे सफल स्कोरर रहे हैं. वह एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और पेरिस ओलंपिक में देश के लिए शीर्ष स्कोरर रहे हैं.

जर्मनी ने खेल की शुरुआत में ही भारत के सर्कल में पहला हमला किया और हेनरिक मर्टगेंस ने जर्मनी के लिए मैच का पहला गोल किया. भारत मुकाबले में संघर्ष कर रहा था जबकि जर्मनी ने अपनी बढ़त को दोगुना करने की कोशिश की. इस दौरान भारत के पास भी कुछ मौके आए लेकिन वह इसमें सफल नहीं हुआ.

दूसरे क्वार्टर में भारत ने बराबरी की तलाश में जर्मनी को बैकफुट पर रखा. दबाव के कारण भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन संजय, अमित और हरमनप्रीत मौकों का फायदा उठाने में विफल रहे.

क्वार्टर में तीन मिनट बचे होने पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, लेकिन जर्मन गोलकीपर जोशुआ ओनीक्यू ननाजी ने हरमनप्रीत के शॉट को रोककर खेल में जर्मनी की बढ़त बनाए रखी.

हाफ के आखिरी मिनट में जर्मनी ने पलटवार किया और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया. लुकास विंडफेडर ने आगे बढ़कर गोलकीपर सूरज करकेरा और जरमनप्रीत सिंह के बीच गैप पाया और दूसरे हाफ में जर्मनी की बढ़त को दोगुना कर दिया.

भारत ने तीसरे क्वार्टर में खूब कोशिश की, लेकिन जर्मनी ने उनका मुकाबला किया और सुनिश्चित किया कि क्वार्टर के अधिकांश समय में कोई गोल करने का मौका न मिले.

पांचवें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन विरोधी टीम के गोलकीपर ने हरमनप्रीत की फ्लिक को बचा लिया.

गोलकीपर कृष्ण पाठक ने बेनेडिक्ट श्वार्जहॉप्ट के शॉट को डिफ्लेक्ट किया और भारत ने जर्मनी की रक्षा को अस्थिर करते हुए अपना जवाबी हमला शुरू किया, लेकिन हरमनप्रीत का रिवर्स शॉट केवल साइड नेटिंग तक ही सीमित रहा.

आखिरी क्वार्टर शुरू होते ही जर्मनी अपनी बढ़त को और बढ़ाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अमित रोहिदास किसी भी खतरे को टालने के लिए तैयार थे. दूसरी ओर, भारत ने अपने पहले गोल की तलाश में मेहनत जारी रखी, लेकिन गोल करने के अवसर बनाने में विफल रहा और मैच जर्मनी के पक्ष में 2-0 पर समाप्त हुआ.

एएमजे/एकेजे

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