New Delhi, 6 सितंबर . भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र वित्त वर्ष 2026 तक 535 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो मुख्य रूप से बढ़ती खपत और बढ़े हुए निर्यात से प्रेरित है.
इंफॉर्मा मार्केट्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से सरकारी समर्थन और एआई-संचालित स्वचालन एवं स्मार्ट पैकेजिंग में तकनीकी प्रगति इस उद्योग को आगे बढ़ाने वाले अन्य कारक हैं.
भारत का जैविक खाद्य बाजार – जिसका वर्तमान मूल्य 1.9 अरब डॉलर है – 2033 तक 20.13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 10.8 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इस बीच, खाद्य सामग्री खंड सालाना 7-8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ये रुझान भारत को खाद्य और पैकेजिंग सामग्री का वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर करते हैं.
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. मीनाक्षी सिंह ने कहा कि “खाद्य सामग्री खाद्य क्षेत्र की रीढ़ हैं, और पैकेजिंग सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.”
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में भारत और विदेश से 350 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया और 50 देशों के 15,000 से अधिक पेशेवरों ने भाग लिया.
इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा, “भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक परिवर्तनकारी दौर से गुज़र रहा है, जो स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता, जैविक और पादप-आधारित खाद्य पदार्थों के प्रति बढ़ती रुचि और आहार संबंधी पैटर्न में उल्लेखनीय बदलाव के कारण प्रेरित है.”
उन्होंने आगे कहा कि 2025 तक जैविक खाद्य बाज़ार 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, क्योंकि उपभोक्ता स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों के लिए अधिक भुगतान करने की बढ़ती इच्छा दिखा रहे हैं.
भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र विनिर्माण उत्पादन में 7.7 प्रतिशत का योगदान देता है और 70 लाख से ज़्यादा रोज़गार प्रदान करता है.
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि एफएसएसएआई 2025 में सख्त लेबलिंग, जैविक खाद्य मानकों और उपभोक्ता जागरूकता पर ज़ोर देगा, जिससे उद्योग की कार्यप्रणाली में बदलाव आएगा.
सरकार ने 100 कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और 2030 तक 50 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ‘भारती’ नामक एक नई पहल की घोषणा की है.
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जीकेटी/
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