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चीन ने वैश्विक शासन को मजबूत करने के लिए छह प्रस्ताव रखे

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बीजिंग, 10 अक्टूबर . संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि कंग श्वांग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की छठी समिति के 80वें सत्र में ‘राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन’ विषय पर भाषण दिया.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, विश्व उथल-पुथल और परिवर्तन के एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है. एकपक्षवाद और आधिपत्यवादी कार्यवाहियां व्याप्त हैं. अंतर्राष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांत, जैसे संप्रभु समानता और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, पर हमले हो रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय कानून के Politicalरण और औजारीकरण के जोखिम बढ़ रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन को गंभीर चुनौतियों और परीक्षणों का सामना करना पड़ रहा है. इससे चीन ने ‘राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन’ पर छह प्रस्ताव रखे हैं.

पहला, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य और सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी मानदंड हैं और अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन की मुख्य सामग्री का गठन करते हैं.

दूसरा, अंतर्राष्ट्रीय कानून को सभ्यताओं और कानूनी प्रणालियों की विविधता का सम्मान करना, सभी देशों की समान भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए, और विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के देशों की आवाज को बढ़ावा देना चाहिए.

तीसरा, संप्रभु समानता आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय कानून की नींव है.

चौथा, पैक्टा संट सर्वंदा अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक मौलिक सिद्धांत है और सभी देशों को अपने संधि दायित्वों को जिम्मेदारीपूर्वक और सद्भावनापूर्वक पूरा करना चाहिए.

पांचवां, सभी पक्षों को उभरते क्षेत्रों और गैर-पारंपरिक सुरक्षा क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय नियमों के निर्माण में तेजी लानी और इन क्षेत्रों में एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और शासन ढांचा प्रणाली के गठन को बढ़ावा देना चाहिए, जो वास्तविक जरूरतों को प्रतिबिंबित करता है, व्यावहारिक समस्याओं को हल करता है और सभी देशों के आम हितों के अनुरूप है.

छठा, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक बुनियादी सिद्धांत है, और मध्यस्थता संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निर्धारित विवाद समाधान के तरीकों में से एक है.

कंग श्वांग ने आगे कहा कि चीन सभी देशों के साथ मिलकर चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करने, अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने, बहुपक्षवाद का अभ्यास करने, वैश्विक शासन में सुधार करने, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्रीकरण और कानून के शासन को बढ़ावा देने और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए काम करने को तैयार है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एबीएम/

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