बीजिंग, 9 मई . रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 7 से 10 मई तक रूस की राजकीय यात्रा पर हैं. दोनों नेताओं ने मॉस्को में औपचारिक मुलाकात की और संयुक्त वक्तव्य जारी किया.
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि पहला, इस साल चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध, विश्व फासिस्ट विरोधी युद्ध और सोवियत संघ की महान देशभक्ति युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ है. चीन और सोवियत संघ के लोगों ने विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ कठिन संघर्ष किया, एक-दूसरे की निःस्वार्थ सहायता की और महान विजय प्राप्त की. मानव गरिमा की रक्षा और विश्व शांति के पुनर्निर्माण में चीन और सोवियत संघ ने महान ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की.
दूसरा, विश्व फासिस्ट विरोधी युद्ध में दोनों देशों की गहरी दोस्ती और सहयोग की भावना से नए युग में चीन-रूस चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी के लिए मजबूत आधार तैयार हुआ. अब दोनों पक्षों के समान प्रयास में चीन-रूस संबंध इतिहास में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचे और व्यापक व सतत से विकसित हो रहे हैं. चीन और रूस ने दुनिया के प्रमुख देशों और सबसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच सहयोग की आदर्श मिसाल खड़ी की.
तीसरा, चीन और रूस एक-दूसरे का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार हैं. दोनों पक्षों ने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के विकास में मिली उपलब्धियों की प्रशंसा की. दोनों पक्षों का समान विचार है कि आपसी लाभ वाले सहयोग ने चीनी और रूसी लोगों की भलाई सुधारने में सक्रिय योगदान दिया. दोनों पक्ष दृढ़ता से स्वतंत्र रूप से द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी का विकास करने के अधिकार की दृढ़ता से रक्षा करते हैं.
चौथा, दोनों पक्ष संस्कृति और सभ्यता की विविधता का समर्थन करते हैं और निष्पक्ष, न्यायसंगत, खुले व समावेशी अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक सहयोग में जुटे हैं. दोनों पक्ष पारंपरिक नैतिक मूल्य, सही ऐतिहासिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करेंगे.
पांचवां, दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्य और सिद्धांत का पालन करने को दोहराया. अधिक न्यायसंगत और टिकाऊ बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का निर्माण आम रुझान है. अंतर्राष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांतों से छेड़छाड़ करने की किसी भी कुचेष्टा का विरोध किया जाना होगा.
छठा, दोनों पक्ष शांगहाई सहयोग संगठन के ढांचे में सहयोग मजबूत करना चाहते हैं और इसे नए युग में चीन-रूस चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी में आशाजनक सहयोग दिशा के रूप में लेंगे.
सातवां, कुछ देश और इसके मित्र देशों ने व्यापारिक और वित्तीय प्रतिबंध आदि अवैध एकतरफा कदमों के जरिए काफी हद तक टैरिफ बढ़ाया और अन्य गैर-बाज़ार प्रतिस्पर्धा कदम उठाए. इससे विश्व अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा. चीन और रूस संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और डब्ल्यूटीओ के नियम के उल्लंघन की कार्रवाई की निंदा करते हैं.
आठवां, दोनों पक्षों ने विश्व रणनीतिक स्थिरता की रक्षा मजबूत करने को दोहराया. दोनों पक्ष हाथ में हाथ डालकर संबंधित क्षेत्रों में चुनौतियों और जोखिम का मुकाबला करेंगे.
नौवां, कुछ देश और इसके मित्र देशों ने कानूनी अवधारणा को बदलकर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने वाले देशों पर दबाव डालने की साजिश की. इन देशों ने अल्पकालिक लाभ के लिए ऐतिहासिक सत्य को झूठ बताकर पेश किया. चीन और रूस इस प्रभुत्ववादी कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं.
दसवां, यूक्रेन संकट के सतत और स्थायी समाधान के लिए दोनों पक्षों का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के आधार पर संकट के मूल कारण को समाप्त करना होगा और सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों व चिंताओं को ध्यान में रखना होगा. दोनों पक्ष शांति के लिए लाभदायक सभी प्रयास का समर्थन करते हैं.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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