नई दिल्ली, 21 अप्रैल . भारत में ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या जनवरी में बढ़कर94.5 करोड़ हो गई है, जो कि दिसंबर में 94.9 करोड़ थी. यह जानकारी सरकार की ओर से सोमवार को दी गई.
ब्रॉडबैंड सेगमेंट में वायर्ड और वायरलेस दोनों तरह के यूजर्स शामिल हैं. मामूली वृद्धि मुख्य रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड यूजर्स के कारण हुई है जिनकी संख्या दिसंबर में 89.8 करोड़ से बढ़कर 89.9 करोड़ हो गई है.
देश की शीर्ष पांच ब्रॉडबैंड (वायर्ड और वायरलेस) कंपनियों के पास 98.43 प्रतिशत मार्केट शेयर है.
भारती एयरटेल के पास 28.9 करोड़ यूजर्स हैं. वोडाफोन आइडिया के पास 12.6 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं.
वहीं, बीएसएनएल और एट्रिया कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज के पास क्रमशः 3.57 करोड़ और 22 लाख ग्राहक हैं.
वायर्ड सेगमेंट में एयरटेल के पास 85 लाख यूजर्स हैं. बीएसएनएल के पास 42 लाख ग्राहक हैं. वहीं, एट्रिया के पास 22 लाख सब्सक्राइबर्स और केरल विजन ब्रॉडबैंड के 12 लाख यूजर्स हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि इन पांचों कंपनियों के पास संयुक्त रूप से फिक्स्ड ब्रॉडबैंड सेगमेंट में 67.67 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है.
मोबाइल और फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन में अलग-अलग रुझान देखने को मिले हैं. दिसंबर में मोबाइल ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन की संख्या 89.8 करोड़ से बढ़कर जनवरी में 89.9 करोड़ हो गई है.
समीक्षा अवधि के दौरान फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 49 लाख थी.
टेलीकॉम रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) ग्राहक, जिन्हें पहले वायरलाइन के अंतर्गत गिना जाता था, अब वायरलेस कैटेगरी में शामिल कर दिए गए हैं.
इससे कुल वायरलेस यूजर्स की संख्या में वृद्धि हुई, जो दिसंबर में 115.06 करोड़ से बढ़कर जनवरी में 115.7 करोड़ हो गई.
इसके अलावा, जनवरी में 1.41 करोड़ से अधिक यूजर्स ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के विकल्प को चुना, जिससे सुविधा शुरू होने के बाद से एमएनपी अनुरोधों की कुल संख्या 109.33 करोड़ पर पहुंच गई है.
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एबीएस/
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