जम्मू, 8 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया, जब विपक्षी दलों ने हाल ही में संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की मांग की. विपक्षी दलों का आरोप था कि यह विधेयक उनके दृष्टिकोण के खिलाफ है और इसे गंभीरता से चर्चा के लिए सदन में लाया जाना चाहिए. इसके बाद, विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. विपक्ष के विरोध के कारण सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने विपक्षी दलों द्वारा पेश स्थगन प्रस्ताव और अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि उन्होंने मामले की जांच की और निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह प्रस्ताव विधानसभा के नियमों के अनुरूप नहीं है.
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लागू आचार संहिता के नियम 58 के तहत कोई भी ऐसा मामला, जो न्यायालय में लंबित हो, उस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर इस समय कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है.
वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर राथर ने कहा, “अगर किसी ने मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है. हम इसकी जांच करेंगे और जो भी फैसला सदन लेगा, हम उसका सम्मान करेंगे.” राथर ने यह भी कहा कि उनका काम निष्पक्ष और संवैधानिक जिम्मेदारियों के अनुसार कार्य करना है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर न तो वे नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और न ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सदन की कार्यवाही में किसी एक पक्ष का समर्थन करने का नहीं है, बल्कि वे संविधान और नियमों के तहत अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं.
राथर ने विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया, जिनमें यह दावा किया गया था कि वह भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं. राथर ने कहा, “मैं किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहा हूं. मैं अपनी जिम्मेदारियों को कानून और संविधान के अनुसार निभाता हूं और हमेशा निष्पक्ष रूप से काम करता हूं. मैंने कभी डर के कारण कोई कार्य नहीं किया है, और आगे भी मैं निडर होकर काम करूंगा.”
राथर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी भी विवाद को पूरी गंभीरता से और संवैधानिक तरीके से हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि यदि किसी को किसी मामले पर आपत्ति है, तो वे उसे कानून के मुताबिक हल करने के लिए तैयार हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस हंगामे के बीच राथर ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह न तो किसी दल के पक्ष में काम करते हैं, न ही उनका उद्देश्य किसी विशेष पार्टी के लिए काम करना है.
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पीएसएम/
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