Bengaluru, 7 नवंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने मंगलुरु के बहुचर्चित लोन फ्रॉड मामले में बड़ा कदम उठाया है. रोशन सलदान्हा और उनकी पत्नी डैफनी नीतू डिसूजा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत एक आवासीय मकान और बैंक खाते के रूप में लगभग 2.85 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली गई है.
ईडी की कार्रवाई अगस्त 2025 में की गई तलाशी के बाद की जांच का हिस्सा है, जिसमें 49 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ. मुख्य आरोपी रोशन सलदान्हा वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं.
ईडी की जांच मंगलुरु सिटी Police द्वारा दर्ज कई First Information Report पर आधारित है. आरोप है कि रोशन सलदान्हा और डैफनी ने विभिन्न व्यवसायियों को कम ब्याज दरों पर ऋण की व्यवस्था का लालच देकर ठगा. स्टांप शुल्क की आड़ में नकली कंपनियों में पैसे जमा कराए जाते थे, लेकिन वादा किया ऋण कभी नहीं दिया जाता. अक्टूबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच उन्होंने 49 करोड़ रुपए इकट्ठा किए. यह राशि व्यक्तिगत खर्च, अपने कारोबार और नकली संस्थाओं के जरिए सिफॉन की गई.
ईडी ने खुलासा किया कि सलदान्हा ने 5.75 करोड़ रुपए अपनी पत्नी के नाम से पांच मछली पकड़ने वाली नावें खरीदने में लगाए. ये नावें और इंजन अपराध की आय (पीओसी) से खरीदे गए थे. जांच में डायरी और दस्तावेज बरामद हुए, जो धोखाधड़ी के नेटवर्क को उजागर करते हैं. सलदान्हा ने आंध्र प्रदेश के एक सिल्क साड़ी कारोबारी से भी 40 लाख रुपए ठगे थे.
अगस्त 2025 में ईडी ने मंगलुरु के पांच ठिकानों पर छापे मारे थे, जिसमें 3.8 करोड़ रुपए के बैंक खाते फ्रीज किए गए. कुल 9.5 करोड़ की पीओसी, बैंक खाते, नावें और इंजन जब्त हो चुके हैं. रोशन की 2.14 करोड़ रुपए की संपत्ति और पीएम एंटरप्राइजेज के 70.8 लाख के बैंक खाते भी कुर्क हैं. कर्नाटक डीजीपी ने चार मुख्य केस सीआईडी को सौंप दिए हैं, जिनमें 10 से 200 करोड़ तक की धोखाधड़ी शामिल है.
सलदान्हा ने Bengaluru के एक फाइनेंसर के जरिए संपर्क बनाए और ‘साई फाइनेंस’ जैसी कंपनियों का इस्तेमाल किया. जुलाई 2025 में उन्होंने Maharashtra के एक कारोबारी से 5 करोड़ और असम से 20 लाख रुपए ठगे. उनका लग्जरी बंगला छिपे हुए ठिकानों से भरा था, जो धोखाधड़ी का केंद्र था.
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