New Delhi, 21 अगस्त . जब कोई व्यक्ति काफी बीमार होता है और उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है, तो डॉक्टर इलाज के लिए उसके शरीर में कई तरह की नली लगाते हैं. इन्हीं में से एक होती है ‘कैथेटर’… यह बेहद पतली नली होती है. इसे मरीजों की नसों या शरीर के किसी हिस्से में इसीलिए लगाया जाता है ताकि दवा दी जा सके, खून निकाला जा सके, पेशाब बाहर निकले या फिर शरीर को जरूरी तरल और पोषण मिल सके. लेकिन अब डॉक्टर और वैज्ञानिक इस बात को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं कि यही कैथेटर अब मरीजों के लिए खतरनाक भी साबित हो रही है.
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एक नई स्टडी में सामने आया है कि अस्पतालों में इलाज के दौरान लगाए जाने वाले कैथेटर से मरीजों में खून का गंभीर संक्रमण फैल रहा है. इस संक्रमण को मेडिकल भाषा में सेंट्रल लाइन-एसोसिएटेड ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शन्स (सीएलएबीएसआई) कहा जाता है. जब यह संक्रमण फैलता है, तो शरीर में खून के जरिए खतरनाक कीटाणु फैलने लगते हैं, जिससे मरीज की हालत और खराब हो सकती है. ये कीटाणु आमतौर पर अस्पताल के वातावरण में होते हैं और कई बार इतने मजबूत हो जाते हैं कि सामान्य एंटीबायोटिक दवाएं भी उन पर असर नहीं करतीं.
एम्स की इस स्टडी को ‘द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ’ नाम की मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसमें बताया गया कि देशभर के 54 अस्पतालों की 200 आईसीयू यूनिट्स से 2017 से 2024 तक का डाटा इकट्ठा किया गया. इस दौरान 8,629 मामलों में ब्लड इंफेक्शन की पुष्टि हुई और हर 1,000 सेंट्रल लाइन-डे पर औसतन 8.83 मरीजों को संक्रमण हुआ. सबसे ज्यादा मामले कोविड-19 महामारी के दौरान यानी 2020-21 में दर्ज किए गए, जब अस्पतालों में मरीजों का दबाव बहुत अधिक था और स्टाफ की भी कमी थी.
रिसर्च में यह भी पाया गया कि इन संक्रमणों की बड़ी वजह आईसीयू में मरीजों की अधिक संख्या, साफ-सफाई के नियमों में लापरवाही और कैथेटर से जुड़ी जरूरी सावधानियों का न पालन करना है. इससे मरीजों को न केवल लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है, बल्कि उनके इलाज का खर्च भी बढ़ जाता है.
इन खतरों से बचा जा सकता है अगर कैथेटर का उपयोग सोच-समझकर और सावधानी से किया जाए, स्टाफ को सही प्रशिक्षण मिले, और अस्पतालों में संक्रमण से बचाव के सख्त नियम लागू किए जाएं.
–
पीके/केआर
You may also like
प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने किया आरटीओ के अधिकारियों का घेराव
रघुनाथपुर में बरगद के पेड़ से लटके मिले महिला और पुरुष के शव, इलाके में भारी तनाव
नौशाद सिद्दीकी को जमानत, 84 आईएसएफ समर्थक भी रिहा
शेयर बाजार में लगातार छठे दिन तेजी, मजबूती के साथ बंद हुए सेंसेक्स और निफ्टी
नदी में नहाने के दौरान डूबने से बच्चे की मौत