New Delhi, 8 अक्टूबर . फ्रांस में Political संकट गहराता नजर आ रहा है. पहले सेबेस्टियन लेकोर्नू ने फ्रांस के Prime Minister पद से इस्तीफा दिया. अब President मैक्रों की पार्टी के लोग ही उन पर पद छोड़ने का दबाव बना रहे हैं.
बता दें कि इमैनुएल मैक्रों साल 2017 से फ्रांस के President बने हुए हैं. वहीं, लोकोर्नू के अचानक से इस्तीफा देने के बाद आंतरिक कलह देखने को मिल रहा है. हालांकि, President मैक्रों ने लेकोर्नू को एक स्थायी गठबंधन Government के लिए समझौता करने के लिए Wednesday शाम तक का समय दिया है.
अगर लेकोर्नू समझौते को लेकर फैसला नहीं लेते हैं, तो फ्रांसीसी President के पास संसद को भंग करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा. वहीं, सदन में अधिक व्यावहारिक व्यवस्था बनाने की उम्मीद में जल्द ही चुनाव कराना होगा.
President इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने पहले घोषणा की थी कि Prime Minister सेबेस्टियन लेकोर्नू ने Monday सुबह, Government गठन के कुछ ही घंटों बाद, अपना इस्तीफा दे दिया. 27 दिनों के कार्यकाल के बाद लेकोर्नू के इस्तीफे ने उन्हें हाल के फ्रांसीसी इतिहास में सबसे कम समय तक पद पर रहने वाला Prime Minister बना दिया है.
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक सहयोगी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मैक्रों ने Tuesday शाम संसद के ऊपरी और निचले दोनों सदनों के अध्यक्षों के साथ बातचीत की. बता दें कि दोनों सदनों के अध्यक्षों के साथ मैक्रों ने अलग-अलग बैठक की.
अगर फ्रांस में चुनाव की योजना होती है, तो President मैक्रों को दोनों अध्यक्षों से परामर्श लेनी होगी. लेकोर्नू समेत 5 प्रधानमंत्रियों ने दो साल में अपने पद से इस्तीफा दिया है.
अब मैक्रों को लेकर उनकी ही पार्टी में नाराजगी बढ़ रही है. दक्षिणपंथी रैसम्बलमेंट नेशनल (आरएन) के अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने तुरंत ही शीघ्र चुनावों का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “चुनावों और असेंबली नेशनले को भंग किए बिना स्थिरता नहीं आ सकती.”
स्थानीय मीडिया के मुताबिक वामपंथी ला फ्रांस इनसोमिसे (एलएफआई) पार्टी के नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन ने मैक्रों को पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की मांग की है. एलएफआई की एक प्रमुख सदस्य मथिल्डे पैनोट ने लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद मैक्रों के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, “उलटी गिनती शुरू हो गई है. मैक्रों को जाना ही होगा.”
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केके/डीएससी
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