गर्मी के दौरान अधिकतर लोग अपने घर, ऑफिस या दुकानों में एयर कंडीशनर (एसी) का सहारा लेते हैं ताकि भीषण तपिश से राहत मिल सके। एसी गर्मी को कुछ इस तरह कम कर देता है कि लगता है जैसे कश्मीर की ठंडी हवा बह रही हो। हालांकि, गर्मी से बचाने में एसी बेमिसाल है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल न करने पर आपकी सेहत और बजट दोनों पर विपरीत असर पड़ सकता है। हम अकसर अनजाने में ऐसी गलतियां कर देते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं और साथ ही एसी की कार्यक्षमता को भी प्रभावित कर सकती हैं। आइए जानते हैं एसी वाले कमरे में ऐसी कौन-सी 5 गलतियां हैं जिनसे बचना चाहिए।
# गीले कपड़े पहनकर या भीगे शरीर के साथ एसी रूम में न जाएं
जब आप बाहर से पसीने से तरबतर होकर या नहाने के तुरंत बाद गीले शरीर के साथ एसी वाले कमरे में जाते हैं, तो शरीर का तापमान अचानक से बहुत तेजी से गिर जाता है। इससे सर्दी-खांसी, मांसपेशियों में अकड़न या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गीले कपड़ों के साथ एसी में बैठना आपकी सर्दी को और भी गंभीर बना सकता है, जिससे कंपकंपी जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए नहाने के बाद या पसीना आने पर शरीर सूखने दें, फिर एसी में प्रवेश करें।
# एसी का तापमान अत्यधिक कम न रखें
जब गर्मी ज़्यादा बढ़ जाती है तो लोग अक्सर एसी का तापमान 16 या 18 डिग्री पर सेट कर देते हैं, सोचते हैं कि इससे कम समय में कमरा ठंडा हो जाएगा। लेकिन यह आदत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। अत्यधिक ठंडे तापमान पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ सकती है, जिससे वायरल संक्रमण या सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एसी का तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रखना सबसे उचित होता है, जिससे आपको ठंडक भी मिलती है और आपकी सेहत पर बुरा असर भी नहीं पड़ता।
# कमरे का दरवाजा और खिड़कियां बार-बार न खोलें, पूरी तरह बंद रखें
एसी तभी अपने काम को सही तरीके से कर पाता है जब कमरा पूरी तरह बंद हो। यदि आप बार-बार कमरे का दरवाजा खोलते हैं या खिड़कियां खुली छोड़ देते हैं तो बाहर की गर्म हवा अंदर आती रहती है, जिससे एसी पूरी तरह ठंडक नहीं दे पाता। इसके अलावा, बार-बार कमरे को खोलने से एसी का कंप्रेसर भी ज्यादा मेहनत करता है, जिससे बिजली का बिल बढ़ने के साथ-साथ एसी खराब होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए कमरे के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखना ही बेहतर होता है।
# एसी वाले कमरे में स्मोकिंग या अगरबत्ती जलाना नुकसानदायक
एसी वाले कमरे में धूम्रपान करना या अगरबत्ती, धूपकुंडी आदि जलाना कतई ठीक नहीं। क्योंकि एसी वाला कमरा ज्यादातर बंद होता है, और इसमें ताजी हवा की आपूर्ति कम होती है। जब कमरे में स्मोकिंग या अगरबत्ती जलाई जाती है तो उसका धुआं बाहर निकल नहीं पाता और कमरे के अंदर ही रह जाता है। इससे सांस लेने में परेशानी, एलर्जी और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, इस धुएं की वजह से एसी का फिल्टर भी जल्दी खराब हो सकता है और इसकी कूलिंग क्षमता कम हो सकती है।
# एसी की नियमित सफाई और सर्विसिंग न करना
कई लोग एसी के मौसम की शुरुआत में एक बार सर्विसिंग करवा लेते हैं, लेकिन बीच-बीच में इसकी सफाई या मेंटेनेंस को नजरअंदाज कर देते हैं। इससे एसी के फिल्टर पर धूल और गंदगी जमा हो जाती है, जो हवा को प्रदूषित कर देती है। इससे स्किन पर दिक्कतें, आंखों में जलन, एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा नियमित सफाई न करने पर एसी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और वह जल्दी खराब भी हो सकता है। बेहतर है कि हर दो से तीन महीने में एसी की सर्विसिंग कराएं और बीच-बीच में इसके फिल्टर और अन्य हिस्सों की सफाई पर ध्यान दें ताकि आपकी सेहत और एसी दोनों सुरक्षित रहें।
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