लगभग 167 मिलियन साल पहले, जब पृथ्वी पर डायनासोरों का वर्चस्व था, स्कॉटलैंड के आइल ऑफ स्काई नामक टापू पर एक अद्भुत और रहस्यमयी शिकारी जीव विचरता था। यह जुरासिक युग था, जब जीवन में विविधता और खतरे दोनों चरम पर थे। उस समय केवल विशाल डायनासोर ही सबसे खतरनाक नहीं थे; एक छोटा मगर बेहद चालाक शिकारी भी जंगलों में राज करता था।
167 मिलियन साल पहले का सबसे बड़ा शिकारी
विज्ञानों ने इस जीव का नाम Breugnathair elgolensis रखा। यह जीव केवल 41 सेंटीमीटर लंबा था, लेकिन इसकी बनावट और विशेषताएँ इसे बेहद अनोखा बनाती थीं। इसका सिर और नुकीले दांत सांप जैसी लंबी, पतली और खतरनाक आकृति के थे। शरीर और चारों पैर छिपकली जैसे थे, साथ ही लंबी पूंछ और छोटा शरीर इसे अद्वितीय बनाते थे। इसी वजह से वैज्ञानिकों ने इसे फॉल्स स्नेक यानी नकली सांप भी कहा, क्योंकि दिखने में यह सांप जैसा था, पर वास्तव में पूरी तरह सांप नहीं था।
डायनासोरों के लिए खतरा
B. elgolensis अपने आकार के बावजूद बेहद खतरनाक शिकारी था। इसके दांत अंदर की ओर मुड़े और नुकीले थे, जिससे शिकार एक बार फंसने पर बच नहीं सकता था। यह छोटे स्तनधारी, छोटे डायनासोर और अन्य छिपकलियों का शिकार करता था। अपनी तेज़ी, चालाकी और खतरनाक दांतों के कारण यह जंगल का असली राजा माना जाता था।
फॉसिल की खोज और वैज्ञानिक निष्कर्ष
यह फॉसिल 2015 में स्कॉटलैंड में खोजा गया था। नेशनल म्यूजियम्स स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक स्टिग वॉल्श ने इसे खोजा। इसके बाद लगभग 10 साल तक इस पर गहराई से अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि B. elgolensis प्राचीन जीवों के समूह Parviraptoridae का हिस्सा था। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे जीवों से ही आगे चलकर आज के सांपों का विकास हुआ।
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