चंडीगढ़: पंजाब के अमृतसर में जहरीली शराब पीने ने मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 पहुंच गई है। जहरीली शराब की चपेट में आए आठ लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पंजाब के मजीठा के तीन गांवों में जिन लोगों की मौत हुई है। उनमें ज्यादातर कमजोर आय वर्ग के है। वे मजदूर करते थे। जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। सामने आया है कि जहरीली शराब बेचने की शिकायत लोगों ने दो माह पहले ही पुलिस को दी थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई, हालांकि अब इतने बड़े हादसे के बाद सरकार कार्रवाई के मूड में है। मजीठा पुलिस के डीएसपी अमोलक सिंह, एसएचओ अवतार सिंह, एक्साइज विभाग के ईटीओ मनीष गोयल व इंस्पेक्टर गुरजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। क्यों हुई इतनी ज्यादा मौतें? पुलिस की जांच में सामने आया है कि जहरीली शराब मेथेनॉल से तैयार की गई थी। पुलिस ने रैकेट के मास्टरमाइंड समेत दस आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में स्पष्ट हुआ है कि साहिब सिंह साहिल केमिकल्स फर्म से ऑनलाइन मेथेनॉल मंगवाता था और इससे शराब तैयार की जाती थी। डीजीपी ने बताया कि मेथेनॉल की आपूर्ति करने वालों की पहचान लुधियाना के सुख एनक्लेव में साहिल केमिकल्स के संचालक पंकज कुमार उर्फ साहिल और अरविंद कुमार के रूप में हुई है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जहरीली शराब के निर्माण में मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल होता है, जोकि जानलेवा है। इसी वजह से मौतें होती हैं। मौतें नहीं ये हत्याएं हैं... जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान भी गांव भंगाली कलां पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारो को दस-दस लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के बच्चों की शिक्षा का प्रबंध भी सरकार करेगी। रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम भगवंत मान ने कहा है कि जहरीली शराब पीने मौतें नहीं हुई हैं बल्कि ये हत्याएं हैं। पंजाब सरकार की तरफ इस बड़े शराब कांड के बाद कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर 21 लोगों की मौत पर कांग्रेस-बीजेपी और अकाली दल ने आम आदमी पार्टी की सरकार को निशाने पर लिया है।
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