ओला इलेक्ट्रिक के स्कूटर और मोटरसाइकल की बिक्री में भले उतार-चढ़ाव हो रहा हो और अपनी कथित खराब सर्विसिंग सिस्टम को लेकर लगातार कंपनी आलोचनाओं के दायरे में हो, लेकिन बेंगलुरु बेस्ड इस कंपनी के लिए बीती तिमाही काफी अच्छी रही है। जी हां, ओला इलेक्ट्रिक का ऑटो बिजनेस बीते जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही में मुनाफे में आ गया है। कंपनी ने पहली बार कर-पूर्व आय (EBITDA) में 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, जबकि पिछले 3 महीनों में इसमें 5.3 फीसदी की गिरावट आई थी। यह उपलब्धि कंपनी के लिए एक माइलस्टोन है, जो इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।
ग्रॉस मार्जिन बढ़कर 30.7 फीसदी हुआओला इलेक्ट्रिक ने बताया है कि वित्त वर्ष 2025-25 की दूसरी तिमाही, यानी बीते जुलाई से सितंबर के दौरान उसका मोटर वाहन ग्रॉस मार्जिन बढ़कर 30.7 फीसदी हो गया। यह आंकड़ा कई पारंपरिक इंजन वाली (ICE) दोपहिया वाहन कंपनियों से भी बेहतर है। इस मुनाफे में न्यूनतम पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) का 2 फीसदी योगदान भी शामिल है।
ऑपरेटिंग इनकम 690 करोड़ रुपये रहीमौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की अवधि में ओला इलेक्ट्रिक की परिचालन आय 690 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने कुल 52,666 वाहनों की आपूर्ति की। ऑपरेटिंग एक्सपेंडीचर में भी कमी आई है, जो सालाना आधार पर 308 करोड़ रुपये से घटकर 258 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह इंटिग्रेटेड ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज भी 451 करोड़ रुपये से कम होकर 416 करोड़ रुपये रहा।
टेक्नॉलजी के इस्तेमाल पर जोर यहां बता दें कि ओला इलेक्ट्रिक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही तक मोटर वाहन परिचालन व्यय लगभग 225 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। कंपनी परिचालन को सुव्यवस्थित करके और टेक्नॉलजी का उपयोग करके लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके साथ ही इंटिग्रेटेड ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज को 350-375 करोड़ रुपये के बीच रखने का लक्ष्य है। यह कदम कंपनी को भविष्य में और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
ग्रॉस मार्जिन बढ़कर 30.7 फीसदी हुआओला इलेक्ट्रिक ने बताया है कि वित्त वर्ष 2025-25 की दूसरी तिमाही, यानी बीते जुलाई से सितंबर के दौरान उसका मोटर वाहन ग्रॉस मार्जिन बढ़कर 30.7 फीसदी हो गया। यह आंकड़ा कई पारंपरिक इंजन वाली (ICE) दोपहिया वाहन कंपनियों से भी बेहतर है। इस मुनाफे में न्यूनतम पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) का 2 फीसदी योगदान भी शामिल है।
ऑपरेटिंग इनकम 690 करोड़ रुपये रहीमौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की अवधि में ओला इलेक्ट्रिक की परिचालन आय 690 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने कुल 52,666 वाहनों की आपूर्ति की। ऑपरेटिंग एक्सपेंडीचर में भी कमी आई है, जो सालाना आधार पर 308 करोड़ रुपये से घटकर 258 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह इंटिग्रेटेड ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज भी 451 करोड़ रुपये से कम होकर 416 करोड़ रुपये रहा।
टेक्नॉलजी के इस्तेमाल पर जोर यहां बता दें कि ओला इलेक्ट्रिक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही तक मोटर वाहन परिचालन व्यय लगभग 225 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। कंपनी परिचालन को सुव्यवस्थित करके और टेक्नॉलजी का उपयोग करके लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके साथ ही इंटिग्रेटेड ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज को 350-375 करोड़ रुपये के बीच रखने का लक्ष्य है। यह कदम कंपनी को भविष्य में और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
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