US OPT Program: अमेरिका में अभी H-1B वीजा को लेकर चल रहा विवाद खत्म नहीं हुआ है। मगर इस बीच विदेशी स्टूडेंट्स को परेशान करने के लिए सरकार से एक अहम फैसला लेने की मांग की गई है। रिपब्लिक पार्टी के सांसद जिम बैंक ने 'ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग' ( OPT) को खत्म करने की मांग कर दी है। ब्रितबात न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार स्टीफन मिलर और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की सेक्रेटरी किस्ट्री नियोम को चिट्ठी लिखी है।
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इस चिट्ठी में अमेरिकी सांसद जिम बैंक ने गुजारिश की है कि OPT प्रोग्राम को खत्म कर दिया जाए। उनका कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप को OPT प्रोग्राम खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि ये उन कंपनियों को टैक्स में फायदा पहुंचा जा रहा है, जो अमेरिकी ग्रेजुएट्स की जगह कॉलेज से पास होने वाले विदेशी स्टूडेंट्स को नौकरी पर रख रही हैं। खासतौर पर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स ( STEM) फील्ड में। अमेरिका में OPT और STEM-OPT पर जॉब करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या हजारों में है।
क्या है OPT प्रोग्राम?
दरअसल, अमेरिका में हायर एजुकेशन हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को जॉब करने की इजाजत दी जाती है, ताकि वे वर्क एक्सपीरियंस हासिल कर पाएं। OPT प्रोग्राम के तहत विदेशी स्टूडेंट्स मास्टर्स करने के बाद 12 महीने तक उस फील्ड में जॉब कर सकते हैं, जिससे जुड़े कोर्स की उन्होंने पढ़ाई की है। अगर किसी ने STEM फील्ड में डिग्री ली है, तो उन्हें STEM OPT के तहत 24 महीने तक जॉब की इजाजत मिलती है। बहुत से स्टूडेंट्स वर्क एक्सपीरियंस हासिल कर कंपनी में ही H-1B वीजा भी पा लेते हैं।
OPT प्रोग्राम पर क्या बोले सांसद?
अमेरिकी सांसद जिम बैंक ने अपनी चिट्ठी में कहा, 'OPT के जरिए विदेशी स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन के बाद एक साल तक जॉब कर रहे हैं। STEM ग्रेजुएट्स को अमेरिका में तीन साल जॉब की इजाजत मिल जाती है। ये प्रोग्राम कांग्रेस की तरफ से मंजूर नहीं किया गया है। इसे पूरी तरह से डीप स्टेट अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया और वही इसे मैनेज करते हैं। OPT की राजनीतिक वैधता की कमी के बावजूद, इसने अमेरिका के विदेशी वर्कर प्रोग्राम को नाटकीय रूप से नया रूप दे दिया है।'
जिम बैंक का कहना है कि OPT पर काम करने वाले लोग ही आगे चलकर H-1B वीजा हासिल कर रहे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा, 'करीब 5 लाख विदेशी वर्कर्स OPT स्टेटस पर हैं और उनमें से ज्यादातर STEM फील्ड में जॉब कर रहे हैं। अमेरिका में एक-तिहाई विदेशी छात्रों के पास वर्क ऑथराइजेशन है, जो उन्हें OPT के जरिए मिला है। जितने H-1B होल्डर हैं, लगभग उतने ही OPT होल्डर भी हैं। फिर भी OPT में H-1B प्रोग्राम की न्यूनतम सुरक्षा भी नहीं है।'
अमेरिकी सांसद ने OPT प्रोग्राम के नुकसान भी बताएं हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा, 'OPT परमिट पर कोई लिमिट नहीं है। इसमें न्यूनतम सैलरी जैसा कुछ नहीं है और अमेरिकी कंपनियों को विदेशी वर्कर्स को नौकरी पर रखने की पूरी इजाजत है। कंपनियों को OPT होल्डर को जॉब देने पर 15% डिस्काउंट भी मिलता है, क्योंकि कंपनी और OPT वर्कर को सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर टैक्स दोनों से छूट मिली हुई है।'
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इस चिट्ठी में अमेरिकी सांसद जिम बैंक ने गुजारिश की है कि OPT प्रोग्राम को खत्म कर दिया जाए। उनका कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप को OPT प्रोग्राम खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि ये उन कंपनियों को टैक्स में फायदा पहुंचा जा रहा है, जो अमेरिकी ग्रेजुएट्स की जगह कॉलेज से पास होने वाले विदेशी स्टूडेंट्स को नौकरी पर रख रही हैं। खासतौर पर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स ( STEM) फील्ड में। अमेरिका में OPT और STEM-OPT पर जॉब करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या हजारों में है।
क्या है OPT प्रोग्राम?
दरअसल, अमेरिका में हायर एजुकेशन हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को जॉब करने की इजाजत दी जाती है, ताकि वे वर्क एक्सपीरियंस हासिल कर पाएं। OPT प्रोग्राम के तहत विदेशी स्टूडेंट्स मास्टर्स करने के बाद 12 महीने तक उस फील्ड में जॉब कर सकते हैं, जिससे जुड़े कोर्स की उन्होंने पढ़ाई की है। अगर किसी ने STEM फील्ड में डिग्री ली है, तो उन्हें STEM OPT के तहत 24 महीने तक जॉब की इजाजत मिलती है। बहुत से स्टूडेंट्स वर्क एक्सपीरियंस हासिल कर कंपनी में ही H-1B वीजा भी पा लेते हैं।
OPT प्रोग्राम पर क्या बोले सांसद?
अमेरिकी सांसद जिम बैंक ने अपनी चिट्ठी में कहा, 'OPT के जरिए विदेशी स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन के बाद एक साल तक जॉब कर रहे हैं। STEM ग्रेजुएट्स को अमेरिका में तीन साल जॉब की इजाजत मिल जाती है। ये प्रोग्राम कांग्रेस की तरफ से मंजूर नहीं किया गया है। इसे पूरी तरह से डीप स्टेट अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया और वही इसे मैनेज करते हैं। OPT की राजनीतिक वैधता की कमी के बावजूद, इसने अमेरिका के विदेशी वर्कर प्रोग्राम को नाटकीय रूप से नया रूप दे दिया है।'
जिम बैंक का कहना है कि OPT पर काम करने वाले लोग ही आगे चलकर H-1B वीजा हासिल कर रहे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा, 'करीब 5 लाख विदेशी वर्कर्स OPT स्टेटस पर हैं और उनमें से ज्यादातर STEM फील्ड में जॉब कर रहे हैं। अमेरिका में एक-तिहाई विदेशी छात्रों के पास वर्क ऑथराइजेशन है, जो उन्हें OPT के जरिए मिला है। जितने H-1B होल्डर हैं, लगभग उतने ही OPT होल्डर भी हैं। फिर भी OPT में H-1B प्रोग्राम की न्यूनतम सुरक्षा भी नहीं है।'
अमेरिकी सांसद ने OPT प्रोग्राम के नुकसान भी बताएं हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा, 'OPT परमिट पर कोई लिमिट नहीं है। इसमें न्यूनतम सैलरी जैसा कुछ नहीं है और अमेरिकी कंपनियों को विदेशी वर्कर्स को नौकरी पर रखने की पूरी इजाजत है। कंपनियों को OPT होल्डर को जॉब देने पर 15% डिस्काउंट भी मिलता है, क्योंकि कंपनी और OPT वर्कर को सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर टैक्स दोनों से छूट मिली हुई है।'
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