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बेटे से मिलने कनाडा पहुंचीं थीं, लौटते वक्त हाथ में था 82 लाख का मेडिकल बिल, 88 साल की मां की कहानी वायरल

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आजकल कई बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना पसंद करते हैं। ऐसे में वे पढ़ाई के चलते अपने घर और परिवार से बहुत समय तक दूर रहते हैं। कई बार परिवार के सदस्य ही समय निकालकर अपने बच्चों से मिलने विदेश जाते हैं। हाल ही में एक 88 साल की महिला भारत से कनाडा अपने बच्चे से मिलने आई थी। लेकिन उसकी ये यात्रा एक मेडिकल इमरजेंसी में बदल गई। कुछ ही दिनों बाद महिला की तबियत अचानक बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जिसके लिए परिवार को 96,000 डॉलर खर्च करने पड़े। बच्चों से मिलने आना पड़ गया मां को भारी आपको बता दें कि ऐलिस जॉन नाम की महिला भारत से अपने बच्चों से मिलने कनाडा के ब्राम्पटन और हैमिल्टन गई थीं। जॉन ने कनाडा में रहने के लिए छह महीने का सुपर वीजा बनवाया था, जो कनाडाई नागरिकों और वहां के परमानेंट निवासियों के परिजनों को लंबे समय तक देश में रहने की अनुमती देता है। ये वीजा दस साल तक वैध रहता है और इसके तहत आपको स्वास्थ्य बीमा करवाना जरूरी होता है। अस्पताल में फट गया लाखों का बिल सीटीवी न्यूज के अनुसार ऐलिस जॉन जनवरी 2024 में कनाडा आई थीं, जिसके बाद से ही उन्हें खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें होने लगीं। ऐलिस के बेटे के अनुसार जब वो अपनी बेटी से मिलने के लिए हैमिल्टन गई तो उनकी कबीयत ज्यादा ही खराब हो गई, जिसके चलते उन्हें हैमिल्टन जनरल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यहां पर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हाइपोक्सिक रेस्पिरेटरी फेल्योर है, जिसके इलाज में 96,000 डॉलर (82 लाख रुपये से अधिक) से ज्यादा रुपये लग गए। जब कंपनी ने किया इस्योरेंस क्लेम से मना परिवार ने यहां आते दौरान यात्रा बीमा पॉलिसी खरीदी थी. लेकिन ऐलिस के अस्पतासल में भर्ती होने के बाद बीमा कंपनी ने ये कहते हुए इस्योरेंस के पैसे दने से मना कर दिया कि जॉन को पहले से ही कोई बीमारी थी। पॉलिसी के अनुसार, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर से पीड़ित लोग कवरेज के लिए पात्र नहीं हैं। जिसके बाद अस्पताल ने परिवार को सारा मडिकल खर्च भरने के लिए कहा। लेकिन बाद में परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी ने परिवार से भुगतान करने का वादा किा।
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