HR ने इंटरव्यू में पूछ लिया अजीब सवाल
रेडिट यूजर (skrillahbeats) ने अपनी पोस्ट में बताया -कल मेरा एक मिड-साइज सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर डेवेलपर की पोस्ट के लिए फाइनल इंटरव्यू था। टेक्निकल असेसमेंट और मैनेजमेंट राउंड्स बहुत अच्छे गए थे। जो सैलरी रेंज उन्होंने बताई, वो भी मेरी उम्मीदों से मेल खा रही थी। जैसे ही इंटरव्यू खत्म होने को आया, HR डायरेक्टर बोली, “बस एक आखिरी सवाल बाकी है...” और फिर उन्होंने वो सवाल पूछ लिया जिसने मुझे चौंका दिया। उन्होंने पूछा, “क्या आप आने वाले कुछ सालों में बच्चे प्लान कर रहे हैं?”मैं एकदम हैरान रह गई। कुछ सेकंड के लिए तो मुझे लगा शायद मैंने कुछ गलत सुना है। मैंने विनम्रता से उनसे सवाल दोहराने को कहा। लेकिन उन्होंने साफ-साफ वही बात दोबारा कही, “हम बस आपकी फैमिली प्लानिंग के बारे में जानना चाहते हैं ताकि हमारी टीम प्लानिंग में मदद मिल सके।”मैं अब तक जितने भी इंटरव्यू दे चुकी हूं, ऐसा सवाल कभी नहीं पूछा गया। मैंने शांति से लेकिन स्पष्ट रूप से उन्हें बताया कि ये सवाल न सिर्फ व्यक्तिगत है बल्कि हायरिंग डिसीजन के लिहाज से कानूनी रूप से भी ठीक नहीं है और मैं इसका जवाब देने में सहज नहीं हूं। उन्हें शायद इस जवाब की उम्मीद नहीं थी। उनके चेहरे पर असली हैरानी नजर आई कि मैंने उन्हें इस पर टोक दिया।उसके बाद इंटरव्यू का पूरा पॉजिटिव माहौल एक झटके में बदल गया। मैंने उन्हें उनके वक्त के लिए धन्यवाद कहा, लेकिन ये भी जोड़ दिया कि अगर किसी कंपनी के कल्चर में ऐसे सवाल पूछना सामान्य बात है, तो मुझे वहां काम करने को लेकर चिंता जरूर होगी। जब मैं घर लौट रही थी, तब भी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब वाकई हुआ है। क्या किसी और ने भी हाल ही में टेक इंडस्ट्री के इंटरव्यू में ऐसा अनुभव किया है? मैं सोच में हूं, क्या मुझे इसे रिपोर्ट करना चाहिए या बस आगे बढ़ जाना चाहिए?
लोगों ने पूछा- कौन सी कंपनी है?
इस पोस्ट को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। इसे 'रेडिट' पर 41 हजार लाइक्स और चार हजार से ज्यादा कमेंट्स मिल चुके हैं। जहां कमेंट सेक्शन में कुछ लोगों ने अपने साथ हुए ऐसे वाकयों का जिक्र किया, तो वहीं कुछ ने कहा कि ऐसी कंपनी का नाम उजागर करना चाहिए। वहीं कुछ यूजर्स ने लिखा कि आपको बताना चाहिए कि यह किस देश का मामला है। वहीं एक यूजर ने बताया कि उससे तो इंटरव्यू में उसका धर्म तक पूछा गया था। यह घटना न सिर्फ इंटरव्यू एथिक्स पर सवाल खड़े करती है, बल्कि इस बात पर भी जोर देती है कि उम्मीदवारों को अपने अधिकार पता होने चाहिए। सोशल मीडिया की आवाज ने एक बार फिर साबित किया है कि गलत को नजरअंदाज करने की बजाय उसका सामना करना जरूरी है। चाहे वह इंटरव्यू रूम के भीतर हो या बाहर।
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