कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्थानीय प्रशासन ने दंगा प्रभावित परिवारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है और उन्हें स्कूलों में शरण दी है। इसके साथ ही मुर्शिदाबाद से नावों से आने वालों की सहायता के लिए नदी तट पर स्वयंसेवकों को तैनात किया है। दरअसल मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज समेत कई इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए। जो कि बाद में सांप्रदायिक हिंसा में बदल गए। इसके कारण प्रभावित लोगों का पलायन शुरू हो गया। 'हमारे घरों में आग लगा दी'मीडिया में आई तस्वीरों में मुर्शिदाबाद के इन इलाकों में दुकानें, होटल और घर जलते हुए दिखाई दे रहे हैं। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ मुर्शिदाबाद से पलायन करने वाली एक युवती ने संवाददाताओं को बताया कि हम धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके से इसलिए भागे क्योंकि हमारे घरों में आग लगा दी गई थी। महिलाओं और लड़कियों के साथ बाहरी लोगों और कुछ स्थानीय लोगों के एक ग्रुप ने छेड़छाड़ की थी। 'हमें तुरंत अपने घर छोड़ने के लिए कहा'महिला ने दावा किया कि उन्होंने बम फेंके। हमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम के लिए दोषी ठहराया और हमें तुरंत अपने घर छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने हमारे घर के पुरुषों को पीटा। हम अपनी जान को लेकर डरे हुए थे और केंद्रीय बलों की मदद से अपने घरों से भागे। एक अन्य बुजुर्ग महिला ने कहा कि हमने हमलावरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी। जबकि हमने कोई गलत काम नहीं किया था। महिला ने बताया कि हथियार लहराते हुए हमलावरों ने बहुत अत्याचार किए। मैं, मेरा बेटा, बहू और पोता अपना कुछ सामान लेकर भाग निकले। नहीं तो हम मारे जाते। '400 से अधिक हिंदुओं का मुर्शिदाबाद से पलायन'पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि 400 से अधिक हिंदुओं को मुर्शिदाबाद के धुलियान से भागने, नदी पार करने और स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने हिंदुओं की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए। बीजेपी नेता ने कहा कि धार्मिक कट्टरपंथियों के डर से मुर्शिदाबाद के धुलियान में 400 से अधिक हिंदू नदी पार करके मालदा के बैष्णबनगर के देवनापुर-सोवापुर जीपी के पार लालपुर हाई स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर हुए। अधिकारी ने पोस्ट में कहा कि बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न वास्तविक है। 'बंगाल जल रहा है'उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा कि टीएमसी की तुष्टिकरण नीतियों ने कट्टरपंथी तत्वों को प्रोत्साहित किया है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे लोग अपनी ही जमीन पर अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। कानून-व्यवस्था की इस विफलता के लिए राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने जिले में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन से इन विस्थापित हिंदुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और उनके जीवन की रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बंगाल जल रहा है। सामाजिक ताना-बाना टूट चुका है। अब बहुत हो चुका।
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