कभी-कभी महिलाएं खुद अपने काम की कीमत नहीं समझ पातीं। इसलिए वे कई बार अपनी भूमिका को कम आंक लेती हैं, खासकर तब, जब वे हाउसवाइफ होती हैं। गृहिणी होने पर कुछ महिलाओं के मन में यह भावना घर कर जाती है कि ‘अरे, मैं तो बस एक हाउसवाइफ ही हूं।’ महिलाओं की इस सोच पर आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने ऐसी बात कही है, जिसे सुनने के बाद शायद हर महिला का सिर गर्व से ऊंचा हो जाए। तो आखिर सद्गुरु ने ऐसा क्या कह दिया, आइए जानते हैं विस्तार से। (Image- सांकेतिक तस्वीर)
इंस्टाग्राम वीडियो में आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु कहते हैं कि अगर एक स्त्री दो बच्चों को जन्मदेकर उनका पालन-पोषण करना चाहती है, तो यह एक फुल-टाइम जॉब है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे नौकरी पर न जाएं, अगर उनकी इच्छा है, तो वे व्यक्तिगत तौर पर जो चाहें, वो करें।
आने वाली दुनिया कैसी होगी मां पर करेगा निर्भर वे आगे कहते हैं कि मगर दो बच्चों का होना सिर्फ उनके जन्म तक सीमित नहीं है, क्योंकि आप अगली पीढ़ी का निर्माण कर रही हैं, तो आने वाली दुनिया कैसी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आज की माताएं कैसी हैं।
यहां देखिए पूरा वीडियो
दो या तीन नए जीवन को पोषित कर रही हैं आप सद्गुरु आगे कहते हैं यकीन मानिए 'कई महिलाएं मेरे पास आती हैं। जब मैं उनसे पूछता हूं कि आप क्या करती हैं, तो वे कहती हैं, ‘अरे, मैं तो बस एक गृहिणी हूं।’ मैं उनसे कहता हूं, आप ऐसा क्यों कहती हैं कि आप सिर्फ एक हाउसवाइफ हैं? क्योंकि शायद आप अपने काम के महत्व को नहीं समझतीं। आप दो या तीन नए जीवन को पोषित कर रही हैं, इससे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य कोई नहीं हो सकता।’ बिल्कुल भी नहीं हो सकता है।
डिस्केलमर इस लेख में दी गई सूचना पूरी तरह इंस्टाग्राम रील पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता और सटकीता की जिम्मेदारी नहीं लेता है। किसी भी जानकारी के लिए हमेशा संबंधित फील्ड के एक्सपर्ट से संपर्क करें।
इंस्टाग्राम वीडियो में आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु कहते हैं कि अगर एक स्त्री दो बच्चों को जन्मदेकर उनका पालन-पोषण करना चाहती है, तो यह एक फुल-टाइम जॉब है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे नौकरी पर न जाएं, अगर उनकी इच्छा है, तो वे व्यक्तिगत तौर पर जो चाहें, वो करें।
आने वाली दुनिया कैसी होगी मां पर करेगा निर्भर वे आगे कहते हैं कि मगर दो बच्चों का होना सिर्फ उनके जन्म तक सीमित नहीं है, क्योंकि आप अगली पीढ़ी का निर्माण कर रही हैं, तो आने वाली दुनिया कैसी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आज की माताएं कैसी हैं।
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दो या तीन नए जीवन को पोषित कर रही हैं आप सद्गुरु आगे कहते हैं यकीन मानिए 'कई महिलाएं मेरे पास आती हैं। जब मैं उनसे पूछता हूं कि आप क्या करती हैं, तो वे कहती हैं, ‘अरे, मैं तो बस एक गृहिणी हूं।’ मैं उनसे कहता हूं, आप ऐसा क्यों कहती हैं कि आप सिर्फ एक हाउसवाइफ हैं? क्योंकि शायद आप अपने काम के महत्व को नहीं समझतीं। आप दो या तीन नए जीवन को पोषित कर रही हैं, इससे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य कोई नहीं हो सकता।’ बिल्कुल भी नहीं हो सकता है।
डिस्केलमर इस लेख में दी गई सूचना पूरी तरह इंस्टाग्राम रील पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता और सटकीता की जिम्मेदारी नहीं लेता है। किसी भी जानकारी के लिए हमेशा संबंधित फील्ड के एक्सपर्ट से संपर्क करें।
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