नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तफ्तीश कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भी जा सकती है। जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि बॉर्डर पर ऐसे कुछ संदिग्ध पाइंट चिन्हित किए जा रहे हैं, जहां से आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ करने की आशंका जताई जा रही है। इनमें बॉर्डर इलाके में आतंकवादियों द्वारा खोदी गई संभावित सुरंग भी सर्च की जा रही है। इनकी पहचान होने के बाद फिर एनआईए की टीम बॉर्डर विजिट भी करेगी।तफ्तीश के लिए एनआईए ने पांच-पांच अफसरों की पांच टीमें बनाई हैं जो अलग-अलग पहलूओं की जांच में जुटी है। सूत्रों ने बताया कि मामले की तहकीकात और अभी तक की हुई तफ्तीश का अपडेट लेने खुद एनआईए चीफ सदानंद वसंत दाते भी बैसरन घाटी पहुंचे। मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय भी अपनी पैनी निगाह लगाए हुए है। खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन इसमें पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी जाएगी। फिलहाल, 26 अप्रैल से अपने हाथों में लेने के बाद एनआईए ने इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछबैसरन मैदान में टूरिस्टों को जिपलाइन की राइड कराने वाले ऑपरेटर मुजव्विल से एनआईए ने शुक्रवार को भी पूछताछ की। अभी तक वह संदेह के घेरे में है। उसके अलावा एनआईए ने इस केस को अपने हाथों में लेने के बाद छह दिनों में 220 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। इनमें कुछ को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। सभी के नाम, पता और अन्य जानकारी रजिस्टर में नोट की जा रही हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें पूछताछ के लिए फिर बुलाया जा सके। कुछ लोगों से यह भी कहा गया है कि अगर उन्हें किसी काम से विदेश जाना है तो एनआईए को इस बारे में बताए बिना देश ना छोड़े। खोजबीन में घने जंगल बड़ी समस्यामामले में सूत्रों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या आतंकवादियों की खोजबीन में देवदार के घने जंगलों से हो रही है। जिसमें घने जंगलों में ऊपर से ड्रोन और हेलिकॉप्टर से सर्च अभियान चलाने में परेशानी आ रही है। जांच एजेंसी और अन्य सिक्योरिटी एजेंसियों को भी यह लग रहा है कि हमला करने के बाद आतंकवादियों ने बॉर्डर पार तो नहीं किया होगा। उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने की कोशिश तेज हो रही है। जिसमें आर्मी भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। लश्कर-TRF कनेक्शन के संकेतसिक्योरिटी एजेंसी के एक सूत्र ने यह भी बताया कि जिस तरह से हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन आतंकवादियों के स्कैच जारी किए थे, जिनमें हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तलहा भाई दोनों पाकिस्तानी हैं, इससे यह तो काफी हद तक साफ हैं कि हमले में यह दोनों पाकिस्तानी शामिल थे। एजेंसी सूत्रों का कहना है कि हमला पाकिस्तान के इशारे पर ही लश्कर-ए-तैबा ने टीआरएफ के माध्यम से कराया। इसके लिए सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।
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