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Delhi AQI: हवा में उड़ गए नियम, घंटों हुई आतिशबाजी, देखें कहा कितना प्रदूषण

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नई दिल्ली: 2019 के बाद ग्रीन पटाखों वाली दिवाली में लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े। रात आठ बजे से बजे दिल्ली-एनसीआर में जमकर पटाखे जले। यह ग्रीन पटाखे रहे या सामान्य, यह जांच के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन आतिशबाजी की वजह से धुएं और शोर ने लोगों को खूब परेशान किया। रात 11 से एक बजे तक प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक रहा। पीएम 2.5 का स्तर कुछ जगहों पर 1700 एमजीसीएम से भी अधिक पहुंच गया। यह मानक से लगभग 30 गुणा अधिक है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी परमिशन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को इस बार ग्रीन कैकर्स को रात 8 से 10 बजे तक जलाने की छूट दी गई थी। इसके बावजूद आतिशबाजी शाम छह बजे से शुरू हो गई। सात बजे के बाद यह बढ़ती गई और रात करीब 12 से 12.30 बजे तक लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। पूरा आसमान में धुआं छाया रहा।


लोगों ने जमकर फोड़े पटाखे

लोगों की सांस की तकलीफे बढ़ गई। रॉकेट, अनार, स्काई शॉट के साथ प्रतिबंधित लड़ियां, फुलझड़ी तक लोगों ने खूब जलाई। हालांकि एक्यूआई पर इसका असर सुबह चार बजे के बाद दिखा। एक्यूआई 24 घंटे का औसत होता है। इसलिए इस पर प्रदूषण का असर कुछ घंटे बाद दिखाई देता है।

कई मॉनिटरिंग स्टेशन ने डेटा देना बंद किया
दिवाली की रात जैसे ही आतिशबाजी शुरू हुई अधिकांश वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों ने डेटा देना बंद कर दिया। कई स्टेशनों में रात 8 से एक बजे के बीच यह गड़बड़ी देखी गई। इन स्टेशनों का डेटा हर पंद्रह मिनट बाद अपडेट किया जाता है। इससे उस समय की वास्तविक स्थिति का पता चलता है। यही वजह है कि इन स्टेशनों में पीक प्रदूषण रात एक बजे, दो बजे और सुबह छह बजे भी आ रहा है। क्योकि इन स्टेशनों पर इससे पहले के डेटा उपलब्ध नहीं हुए थे।

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