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भारत के लिए खतरनाक...बांग्लादेश में 54 साल बाद जीती यह पार्टी, शशि थरूर बोले- 2026 में क्या होगा?

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नई दिल्ली: बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है जिसने भारत की भी टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल, 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद पहली बार जमात-ए-इस्लामी से जुड़े छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर (ICS) ने बड़ी जीत हासिल कर ली है, जो कि भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। पहली बार किसी इस्लामिस्ट छात्र संगठन ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है।



वहीं, अब भारत में कांग्रेस सांसदशशि थरूर ने इस जीत को लेकर चिंता जताई है और जमात-ए-इस्लामी की जीत को बेहद खतरनाक बताया है। उन्‍होंने लिखा, यह घटना भारतीयों के लिए भले ही छोटी सी खबर लगे, लेकिन इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं। 2026 के आम चुनाव में इसका क्या असर होगा? उन्होंने कहा कि अब देखना होगा कि भारत इससे कैसे निपटता है। भारत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।



शशि थरूर ने क्या कहा?

शशि थरूर ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ज्यादातर भारतीयों के जहन में यह बात शायद एक छोटी सी बात के तौर पर दर्ज हुई हो, लेकिन यह आने वाले समय का एक चिंताजनक संकेत है। बांग्लादेश में दोनों प्रमुख पार्टियों—(अब प्रतिबंधित) अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनल पार्टी—के प्रति निराशा बढ़ती जा रही है। जो लोग इन दोनों पार्टियों से मुंह मोड़ रहे हैं वे तेजी से जमात-ए-इस्लामी की ओर रुख कर रहे हैं, इसलिए नहीं कि ये मतदाता कट्टरपंथी या इस्लामी कट्टरपंथी हैं, बल्कि इसलिए कि जमात-ए-इस्लामी पर इन दोनों मुख्यधारा की पार्टियों से जुड़े, सही या गलत, भ्रष्टाचार और कुशासन का कोई दाग नहीं है। फरवरी 2026 के आम चुनावों में इसका क्या असर होगा? क्या नई दिल्ली को अपने पड़ोस में जमात के बहुमत से निपटना होगा?





भारत के लिए खतरनाक क्यों?

राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान का समर्थन मिलता रहा है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान में इनकी जीत को काफी ज्यादा सराहा गया था। जमात के स्टूडेंट विंग की जीत को भी पाकिस्तान को समर्थन मिल सकता है। इतना हीं नहीं इस संगठन पर भारत में भी संदिग्ध गतिविधियों और आतंकी नेटवर्क को बढ़ावा देने का आरोप लग चुका है।



अगर यह संगठन 2026 के चुनाव में जीत दर्ज करता है तो भारत के पूर्वी सीमा पर सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जमात-ए-इस्लामी के बारे में कहा जाता है कि यह संगठन अपने गठन के समय से ही बहुत ही कट्टरपंथी थे।

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