नई दिल्ली: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर को अब तक क्रिकेट में कोई खास बड़ी सफलता नहीं मिली है, लेकिन इस बार रणजी ट्रॉफी में वो थोड़ा अलग रंग में दिख रहे हैं। अर्जुन तेंदुलकर ने शिमोगा में कर्नाटक के खिलाफ चल रहे रणजी ट्रॉफी मैच में गोवा के लिए गेंद के बाद बल्ले से भी अच्छा खेल दिखाया है। अर्जुन ने कर्नाटक के खिलाफ अपनी टीम को फॉलोऑन से बचाने के लिए 122 गेंद तक पिच पर टिके रहकर मेहनत भरी पारी खेली। हालांकि उनकी मेहनत उस समय बेकार हो गई, जब उनकी खूंटा गाड़ पारी के बावजूद गोवा को फॉलोऑन के लिए मजबूर होना पड़ा। इतना ही नहीं अर्जुन महज तीन रन से फिफ्टी पूरी करने से भी चूक गए। इसके बावजूद अर्जुन के इस प्रदर्शन की बेहद तारीफ हो रही है।
टीम फंसी थी संकट में, तब पारी को संभालाअर्जुन तेंदुलकर ने शिमोगा के मैदान पर गोवा के लिए उस समय मोर्चा संभाला, जब उनकी टीम महज 115 रन पर 6 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद अर्जुन पिच पर उतरे और एक सिरा थामकर बल्लेबाजी करनी शुरू कर दी। अर्जुन ने मोहित रेडकर (77 गेंद में 53 रन) के साथ 70 रन की जोरदार साझेदारी की। अर्जुन ने इस दौरान 122 गेंद की पारी में 6 चौके और 1 छक्का लगाया, लेकिन वे अपने 50 रन पूरे करने से चूक गए।
19 गेंद तक छकाता रहा गेंदबाजअर्जुन के लिए दरअसल कर्नाटक के तेज गेंदबाज विद्वत कवेरप्पा को खेलना मुश्किल साबित हुआ। कवेरप्पा ने अर्जुन को लगातार 19 गेंद में कोई रन नहीं बनाने दिया। 19वीं गेंद पर हताश होकर आखिरकार अर्जुन ने गेंद पर बल्ले का बाहरी किनारा लगाया, जिसे लपकने के लिए विकेट के पीछे विकेटकीपर कृष्णन श्रीजीत तैयार खड़े थे। अर्जुन का विकेट गिरने के 9 ओवर के अंदर ही गोवा की पूरी टीम 217 रन पर सिमट गई और फॉलोऑन नहीं बचा सकी।
गेंद से भी किया था अर्जुन ने बढ़िया प्रदर्शनइससे पहले अर्जुन ने फ्लैट पिच पर अपनी खब्बू तेज गेंदबाजी से भी बढ़िया प्रदर्शन किया था। मुंबई रणजी टीम में पर्याप्त मौके नहीं मिलने पर गोवा शिफ्ट हुए अर्जुन ने 29 ओवर में 100 रन देकर 3 विकेट लिए थे। कर्नाटक ने टीम इंडिया के तिहरे शतकधारी बल्लेबाज करुण नायर की बेहतरीन नॉटआउट 174 रन की पारी से 371 रन का स्कोर खड़ा किया था।
टीम फंसी थी संकट में, तब पारी को संभालाअर्जुन तेंदुलकर ने शिमोगा के मैदान पर गोवा के लिए उस समय मोर्चा संभाला, जब उनकी टीम महज 115 रन पर 6 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद अर्जुन पिच पर उतरे और एक सिरा थामकर बल्लेबाजी करनी शुरू कर दी। अर्जुन ने मोहित रेडकर (77 गेंद में 53 रन) के साथ 70 रन की जोरदार साझेदारी की। अर्जुन ने इस दौरान 122 गेंद की पारी में 6 चौके और 1 छक्का लगाया, लेकिन वे अपने 50 रन पूरे करने से चूक गए।
19 गेंद तक छकाता रहा गेंदबाजअर्जुन के लिए दरअसल कर्नाटक के तेज गेंदबाज विद्वत कवेरप्पा को खेलना मुश्किल साबित हुआ। कवेरप्पा ने अर्जुन को लगातार 19 गेंद में कोई रन नहीं बनाने दिया। 19वीं गेंद पर हताश होकर आखिरकार अर्जुन ने गेंद पर बल्ले का बाहरी किनारा लगाया, जिसे लपकने के लिए विकेट के पीछे विकेटकीपर कृष्णन श्रीजीत तैयार खड़े थे। अर्जुन का विकेट गिरने के 9 ओवर के अंदर ही गोवा की पूरी टीम 217 रन पर सिमट गई और फॉलोऑन नहीं बचा सकी।
गेंद से भी किया था अर्जुन ने बढ़िया प्रदर्शनइससे पहले अर्जुन ने फ्लैट पिच पर अपनी खब्बू तेज गेंदबाजी से भी बढ़िया प्रदर्शन किया था। मुंबई रणजी टीम में पर्याप्त मौके नहीं मिलने पर गोवा शिफ्ट हुए अर्जुन ने 29 ओवर में 100 रन देकर 3 विकेट लिए थे। कर्नाटक ने टीम इंडिया के तिहरे शतकधारी बल्लेबाज करुण नायर की बेहतरीन नॉटआउट 174 रन की पारी से 371 रन का स्कोर खड़ा किया था।
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