नई दिल्ली: देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 41वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित शक्ति स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इनके अलावा अन्य नेताओं ने भी इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि दी।   
   
बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या आज ही के दिन यानी 31 अक्टूबर 1984 को उनके अपने ही अंगरक्षकों द्वारा कर दी गई थी। इस हत्या के बाद देश भर में बवाल मच गया था। सिख दंगे के चलते पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में डर का माहौल पैदा हो गया था। इंदिरा गांधी की हत्या से जहां देश में सिख समुदाय को दर्द मिला वहीं उनके योगदान को भी कभी नहीं भूला जा सकता है। इंदिरा गांधी ने देश के लिए कई ऐसे दमदार फैसले लिए जिसने भारत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई।
     
तो चलिए आज हम बताते हैं इंदिरा गांधी के 10 वैसे कड़े फैसले जिन्होंने उन्हें आयरन लेडी बना दिया। उन्होंने पाकिस्तान को उनकी औकात दिखाते हुए बता दिया था कि भारत को आंख दिखाना किसी भी देश को भारी पड़ सकता है।
     
1967 में चीन को चटाई थी धूल
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चीन को जिस तरह से धूल चटाई थी वह आज भी इतिहास में याद किया जाता है। दरअसल, इंदिरा गांधी भूटान को सपोर्ट करने की वजह से चीन के निशाने पर आ गई थीं। चीन इसका बदला लेने के लिए घुसपैठ की कोशिश में लग गया। लेकिन वह तो थीं आयरन लेडी इंदिरा गांधी जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुले तौर पर साफ कर दिया कि भारत भूटान की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेगा।
   
एक तरीके से कहें तो यह चीन के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती थी। सितंबर 1967 में, चीन ने सिक्किम के नाथूला पास पर हमला किया था। उस समय सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं था, बल्कि वहां राजशाही का शासन था। भारत ने नाथू ला और चो ला पास पर चीनी सेना को पीछे धकेल दिया।
   
इस लड़ाई में भारत के 88 सैनिक शहीद हुए, जबकि चीन के साढ़े तीन सौ से ज्यादा सैनिक मारे गए और 500 से अधिक घायल हुए। कुछ अन्य आंकड़ों के अनुसार, चीन के मारे गए सैनिकों की संख्या इससे भी अधिक थी। इंदिरा गांधी के इस कदम के चलते ही चीन सिक्किम पर कब्जा नहीं कर सका। 16 मई 1975 में जनमत संग्रह के आधार पर सिक्किम भारत में शामिल हो गया था।
   
1971 में पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश बनाया
वर्ष 1971 में, पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के कारण लाखों बंगाली शरणार्थी भारत आ गए, जिससे देश पर भारी दबाव पड़ा। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा मानते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान द्वारा पश्चिमी मोर्चे पर हमला करने के जवाब में भारत ने युद्ध की घोषणा की और मात्र 13 दिनों में निर्णायक जीत हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को राजनीतिक और मानवीय दोनों स्तरों पर समर्थन दिया।
   
1969 में इंदिरा गांधी ने 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कराया
देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई 1969 में 14 प्रमुख निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कराया था। इनमें पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बरौदा समेत अन्य बैंक शामिल थे। राष्ट्रीयकरण से पहले बैंक सिर्फ शहरों और अमीर लोगों तक सीमित थे। लेकिन राष्ट्रीयकरण के बाद ग्रामीण इलाकों में शाखाएं खुलीं। पहले बैंक मुख्यतः बड़े उद्योगपतियों को ही कर्ज देते थे। अब किसानों, छोटे व्यापारियों और स्वरोज़गार योजनाओं को भी कर्ज मिलने लगा।
   
अमेरिका के साथ खाद्यान्न समझौता
प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी ने अमेरि के साथ खाद्यान समझौता किया था, क्योंकि उस समय देश में अनाज का भारी संकट था। इंदिरा गांधी के प्रयास के चलते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जानसन ने तुरंत 6.7 मिलियन टन खाद्यान्न की खेप भारत भेजी। जिससे भारत को राहत मिली
   
परमाणु परीक्षण को लेकर काफी प्रयास किए
इंदिरा गांधी ने परमाणु परीक्षण के लिए काफी प्रयास किए। चीन के बढ़ती ताकतों को देखते हुए उन्होंने वैज्ञानिकों को लगातार उत्साहित करना शुरू किया। उन्होंने वैज्ञानिक संस्थाओं को बढ़ावा दिया। इसके चलते 18 मई 1974 में भारत ने पहली बार पोखरण में स्माइलिंग बुद्धा आपरेशन के नाम से सफलतापूर्वक भूमिगत परीक्षण किया। इस परमाणु परीक्षण को पोखरण-I के नाम से जाना जाता था और इसका कोड-नाम 'स्माइलिंग बुद्धा' था।
   
आपरेशन ब्लू स्टार चलाया था
पंजाब में खालिस्तान की मांग के कारण देश आतंकवाद की चपेट में था। इस स्थिति से निपटने के लिए, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर, सेना ने 04 जून 1984 को एक ऑपरेशन शुरू किया। इस सैन्य कार्रवाई में, भिंडरावाला और उसके साथियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन से सिखों की भावना भी आहत हुई थीं जिसके 4 महीने बाद ही 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
   
हरित क्रांति को बढ़ावा दिया
इंदिरा गांधी ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति को गति दी। इसके बाद भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनने लगा। इंदिरा गांधी ने किसानों के लिए कई खास योजनाएं चलाईं। किसानों को बढ़ावा देने के लिए वह खुद किसानों से मिलती थीं।
   
राज्यों के राजाओं की प्रिवी पर्स समाप्ति (1971)
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूर्व रियासतों के शासकों को मिलने वाले विशेषाधिकार और भत्ते खत्म कर दिए। प्रभाव: समानता के सिद्धांत को बल मिला, परंतु विवाद भी हुआ। हालांकि, इंदिरा गांधी के इस फैसले से गरीबों और मध्यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत मिलने लगी।
   
गरीबी हटाओ अभियान
इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनाव में “गरीबी हटाओ” का नारा दिया था। इसका उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक सुधार और गरीबों के लिए योजनाएं शुरू करना था।
   
इंदिरा गांधी ने 10 सूत्रीय कार्यक्रम चलाया था
इंदिरा गांधी ने 1967 में 10 सूत्रीय कार्यक्रम चलाया था। यह कांग्रेस कार्य समिति द्वारा अपनाया गया एक सामाजिक और आर्थिक सुधार कार्यक्रम था, जिसमें भूमि सुधार, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, और शहरी संपत्ति की सीमा जैसे उपाय शामिल थे।
  
बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या आज ही के दिन यानी 31 अक्टूबर 1984 को उनके अपने ही अंगरक्षकों द्वारा कर दी गई थी। इस हत्या के बाद देश भर में बवाल मच गया था। सिख दंगे के चलते पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में डर का माहौल पैदा हो गया था। इंदिरा गांधी की हत्या से जहां देश में सिख समुदाय को दर्द मिला वहीं उनके योगदान को भी कभी नहीं भूला जा सकता है। इंदिरा गांधी ने देश के लिए कई ऐसे दमदार फैसले लिए जिसने भारत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई।
तो चलिए आज हम बताते हैं इंदिरा गांधी के 10 वैसे कड़े फैसले जिन्होंने उन्हें आयरन लेडी बना दिया। उन्होंने पाकिस्तान को उनकी औकात दिखाते हुए बता दिया था कि भारत को आंख दिखाना किसी भी देश को भारी पड़ सकता है।
1967 में चीन को चटाई थी धूल
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चीन को जिस तरह से धूल चटाई थी वह आज भी इतिहास में याद किया जाता है। दरअसल, इंदिरा गांधी भूटान को सपोर्ट करने की वजह से चीन के निशाने पर आ गई थीं। चीन इसका बदला लेने के लिए घुसपैठ की कोशिश में लग गया। लेकिन वह तो थीं आयरन लेडी इंदिरा गांधी जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुले तौर पर साफ कर दिया कि भारत भूटान की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेगा।
एक तरीके से कहें तो यह चीन के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती थी। सितंबर 1967 में, चीन ने सिक्किम के नाथूला पास पर हमला किया था। उस समय सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं था, बल्कि वहां राजशाही का शासन था। भारत ने नाथू ला और चो ला पास पर चीनी सेना को पीछे धकेल दिया।
इस लड़ाई में भारत के 88 सैनिक शहीद हुए, जबकि चीन के साढ़े तीन सौ से ज्यादा सैनिक मारे गए और 500 से अधिक घायल हुए। कुछ अन्य आंकड़ों के अनुसार, चीन के मारे गए सैनिकों की संख्या इससे भी अधिक थी। इंदिरा गांधी के इस कदम के चलते ही चीन सिक्किम पर कब्जा नहीं कर सका। 16 मई 1975 में जनमत संग्रह के आधार पर सिक्किम भारत में शामिल हो गया था।
1971 में पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश बनाया
वर्ष 1971 में, पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के कारण लाखों बंगाली शरणार्थी भारत आ गए, जिससे देश पर भारी दबाव पड़ा। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा मानते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान द्वारा पश्चिमी मोर्चे पर हमला करने के जवाब में भारत ने युद्ध की घोषणा की और मात्र 13 दिनों में निर्णायक जीत हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को राजनीतिक और मानवीय दोनों स्तरों पर समर्थन दिया।
1969 में इंदिरा गांधी ने 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कराया
देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई 1969 में 14 प्रमुख निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कराया था। इनमें पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बरौदा समेत अन्य बैंक शामिल थे। राष्ट्रीयकरण से पहले बैंक सिर्फ शहरों और अमीर लोगों तक सीमित थे। लेकिन राष्ट्रीयकरण के बाद ग्रामीण इलाकों में शाखाएं खुलीं। पहले बैंक मुख्यतः बड़े उद्योगपतियों को ही कर्ज देते थे। अब किसानों, छोटे व्यापारियों और स्वरोज़गार योजनाओं को भी कर्ज मिलने लगा।
अमेरिका के साथ खाद्यान्न समझौता
प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी ने अमेरि के साथ खाद्यान समझौता किया था, क्योंकि उस समय देश में अनाज का भारी संकट था। इंदिरा गांधी के प्रयास के चलते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जानसन ने तुरंत 6.7 मिलियन टन खाद्यान्न की खेप भारत भेजी। जिससे भारत को राहत मिली
परमाणु परीक्षण को लेकर काफी प्रयास किए
इंदिरा गांधी ने परमाणु परीक्षण के लिए काफी प्रयास किए। चीन के बढ़ती ताकतों को देखते हुए उन्होंने वैज्ञानिकों को लगातार उत्साहित करना शुरू किया। उन्होंने वैज्ञानिक संस्थाओं को बढ़ावा दिया। इसके चलते 18 मई 1974 में भारत ने पहली बार पोखरण में स्माइलिंग बुद्धा आपरेशन के नाम से सफलतापूर्वक भूमिगत परीक्षण किया। इस परमाणु परीक्षण को पोखरण-I के नाम से जाना जाता था और इसका कोड-नाम 'स्माइलिंग बुद्धा' था।
आपरेशन ब्लू स्टार चलाया था
पंजाब में खालिस्तान की मांग के कारण देश आतंकवाद की चपेट में था। इस स्थिति से निपटने के लिए, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर, सेना ने 04 जून 1984 को एक ऑपरेशन शुरू किया। इस सैन्य कार्रवाई में, भिंडरावाला और उसके साथियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन से सिखों की भावना भी आहत हुई थीं जिसके 4 महीने बाद ही 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
हरित क्रांति को बढ़ावा दिया
इंदिरा गांधी ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति को गति दी। इसके बाद भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनने लगा। इंदिरा गांधी ने किसानों के लिए कई खास योजनाएं चलाईं। किसानों को बढ़ावा देने के लिए वह खुद किसानों से मिलती थीं।
राज्यों के राजाओं की प्रिवी पर्स समाप्ति (1971)
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूर्व रियासतों के शासकों को मिलने वाले विशेषाधिकार और भत्ते खत्म कर दिए। प्रभाव: समानता के सिद्धांत को बल मिला, परंतु विवाद भी हुआ। हालांकि, इंदिरा गांधी के इस फैसले से गरीबों और मध्यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत मिलने लगी।
गरीबी हटाओ अभियान
इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनाव में “गरीबी हटाओ” का नारा दिया था। इसका उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक सुधार और गरीबों के लिए योजनाएं शुरू करना था।
इंदिरा गांधी ने 10 सूत्रीय कार्यक्रम चलाया था
इंदिरा गांधी ने 1967 में 10 सूत्रीय कार्यक्रम चलाया था। यह कांग्रेस कार्य समिति द्वारा अपनाया गया एक सामाजिक और आर्थिक सुधार कार्यक्रम था, जिसमें भूमि सुधार, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, और शहरी संपत्ति की सीमा जैसे उपाय शामिल थे।
You may also like
 - भारत में होगा इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू, एक्सरसाइज मिलन 2026 व कॉन्क्लेव ऑफ चीफ्स
 - कांग्रेस ने देश में विभाजनकारी और अलगाववादी मानसिकता को पोषित किया है : विनोद बंसल
 - ऑस्ट्रेलिया का PR चाहिए? किन कोर्सेज की पढ़ाई के बाद स्टूडेंट्स को मिलेगी परमानेंट रेजिडेंसी
 - AUS vs IND: दूसरे टी20 में शिवम दुबे से ऊपर बल्लेबाजी करने क्यों आए थे हर्षित राणा? जान लीजिए कारण
 - ट्रेनˈ में सरेआम लड़की ने किया इतना गंदा काम सब देखते रहे किसी ने नहीं रोका देखें Video﹒




