मुंबई: महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक के खिलाफ शरद पवार, उद्धव ठाकरे और हर्षवर्धन सपकाल एक मंच आए और महायुति सरकार की जमकर आलोचना की। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा कानून लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल देगा। गुरुवार को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में जन सुरक्षा कानून विरोधी संघर्ष समिति ने परिषद का आयोजन किया।
क्या बोले शरद पवार?
इस अवसर पर शरद पवार ने कहा कि यह जल्दबाजी में लाया गया कानून है। इससे लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों पर संकट आया है, संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। न्याय-व्यवस्था में भी घुसपैठ हो गई है। जन सुरक्षा कानून ने विचार और मौलिक अधिकारों पर हमला किया है। अब इस सरकार को सबक सिखाने की जरूरत है और उसके लिए हम पूरी ताकत के साथ आपके साथ हैं। पवार ने माना कि जब पिछले महीने भाजपा नीत सरकार ने विधेयक को पहली बार विधानसभा में पेश किया था, तब इसका प्रभावी ढंग से विरोध नहीं किया गया, लेकिन उन्होंने कहा कि विधान परिषद में आवश्यक कदम उठाया गया।
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए जन सुरक्षा कानून को रद्द करने के लिए हम लोग संघर्ष करेंगे। जहां भी जरूरत पड़ेगी मैं वहां आने के लिए तैयार हूं। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक में राजद्रोह का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई संदर्भ होता, तो उनकी पार्टी उसका समर्थन करती।
दिनदहाड़े पार्टी तोड़ी और चुराई
ठाकरे ने आगे कहा कि दिनदहाड़े पार्टी तोड़ी और चुराई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर लोकतंत्र तड़प रहा है, दम तोड़ने की स्थिति में है। जरा उधर भी ध्यान दीजिए। उन्होंने कहा कि हमने बीजेपी के साथ 25-30 साल ऐसे ही गवा दिए। ठाकरे ने आगे कहा कि राजनीति में मतभेद स्वाभाविक हैं। हमारा और वामपंथ के बीच कड़ा संघर्ष रहा है, लेकिन राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष और प्रतिशोध नहीं होना चाहिए। यही कारण हैं कि हम, शरद पवार, कांग्रेस और कम्युनिस्ट साथ आए हैं। हमारे बीच देशप्रेम एक समान सूत्र है।
कांग्रेस ने राज्यभर में आंदोलन किया
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक माधव गोलवलकर की पुस्तक 'बंच ऑफ थॉट' की विचारधारा के लिए जन सुरक्षा कानून लाया गया है। इस कानून के खिलाफ कांग्रेस ने राज्यभर में आंदोलन किया। सभी संविधान-प्रेमी लोगों को इस पर विचार करना चाहिए। वामपंथी और दक्षिणपंथी विवाद लोकतंत्र के लिए ठीक है, परंतु इस समय सभी को एक होकर लड़ना चाहिए। अंग्रेजों ने जेल, मेल और रेल सूत्र से राज चलाया था और आज के सत्ताधारी भी वही सूत्र चला रहे हैं।
क्या बोले शरद पवार?
इस अवसर पर शरद पवार ने कहा कि यह जल्दबाजी में लाया गया कानून है। इससे लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों पर संकट आया है, संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। न्याय-व्यवस्था में भी घुसपैठ हो गई है। जन सुरक्षा कानून ने विचार और मौलिक अधिकारों पर हमला किया है। अब इस सरकार को सबक सिखाने की जरूरत है और उसके लिए हम पूरी ताकत के साथ आपके साथ हैं। पवार ने माना कि जब पिछले महीने भाजपा नीत सरकार ने विधेयक को पहली बार विधानसभा में पेश किया था, तब इसका प्रभावी ढंग से विरोध नहीं किया गया, लेकिन उन्होंने कहा कि विधान परिषद में आवश्यक कदम उठाया गया।
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए जन सुरक्षा कानून को रद्द करने के लिए हम लोग संघर्ष करेंगे। जहां भी जरूरत पड़ेगी मैं वहां आने के लिए तैयार हूं। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक में राजद्रोह का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई संदर्भ होता, तो उनकी पार्टी उसका समर्थन करती।
दिनदहाड़े पार्टी तोड़ी और चुराई
ठाकरे ने आगे कहा कि दिनदहाड़े पार्टी तोड़ी और चुराई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर लोकतंत्र तड़प रहा है, दम तोड़ने की स्थिति में है। जरा उधर भी ध्यान दीजिए। उन्होंने कहा कि हमने बीजेपी के साथ 25-30 साल ऐसे ही गवा दिए। ठाकरे ने आगे कहा कि राजनीति में मतभेद स्वाभाविक हैं। हमारा और वामपंथ के बीच कड़ा संघर्ष रहा है, लेकिन राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष और प्रतिशोध नहीं होना चाहिए। यही कारण हैं कि हम, शरद पवार, कांग्रेस और कम्युनिस्ट साथ आए हैं। हमारे बीच देशप्रेम एक समान सूत्र है।
कांग्रेस ने राज्यभर में आंदोलन किया
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक माधव गोलवलकर की पुस्तक 'बंच ऑफ थॉट' की विचारधारा के लिए जन सुरक्षा कानून लाया गया है। इस कानून के खिलाफ कांग्रेस ने राज्यभर में आंदोलन किया। सभी संविधान-प्रेमी लोगों को इस पर विचार करना चाहिए। वामपंथी और दक्षिणपंथी विवाद लोकतंत्र के लिए ठीक है, परंतु इस समय सभी को एक होकर लड़ना चाहिए। अंग्रेजों ने जेल, मेल और रेल सूत्र से राज चलाया था और आज के सत्ताधारी भी वही सूत्र चला रहे हैं।
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