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बिहारशरीफ सीट पर रिकॉर्ड 55% मतदान, अब किसके सिर सजेगा जीत का ताज- BJP के सुनील कुमार या कांग्रेस के उमैर खान?

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नालंदा: बिहार विधानसभा की 243 सीटों में बिहारशरीफ विधानसभा सीट एक हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। यह सीट नालंदा जिले में स्थित है और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कब्जे में है। बीजेपी के डॉ. सुनील कुमार यहां से लगातार पांचवीं बार विधायक हैं। उन्होंने तीन बार जदयू (JDU) और दो बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता है। इस बार उन्हें अपनी सीट बचाने की कड़ी चुनौती का सामना है, क्योंकि महागठबंधन की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार उमैर खान मैदान में हैं। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। पहले चरण में आज इस सीट पर मतदान संपन्न हो गया। बिहार शरीफ में 55 फीसदी मतदान हुआ है। हालांकि फाइनल आंकड़ा थोड़ा बढ़ सकता है।

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बिहारशरीफ विधानसभा का चुनावी इतिहासबिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी। अब तक इस सीट पर 18 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। शुरुआती दौर में कांग्रेस का दबदबा रहा, उसने कुल 5 बार जीत दर्ज की। इसके अलावा सीपीआई और बीजेपी (जनसंघ सहित) ने 4-4 बार, जदयू ने 3 बार, जबकि जनता पार्टी और राजद ने 1-1 बार जीत हासिल की है।


2020 के चुनाव में बीजेपी के डॉ. सुनील कुमार ने 81,514 वोटों से जीत दर्ज की थी और राजद के सुनील कुमार को हराया था। डॉ सुनील कुमार बिहारशरीफ सीट पर 2005 से चुनाव जीतते आ रहे हैं। हालांकि उनकी पार्टी बदलती रही है।


2020 में कितना हुआ था मतदान?
2020 में बिहारशरीफ विधानसभा में कुल 3,66,286 वोटर पंजीकृत थे। उस चुनाव में करीब 49.9% मतदान हुआ था। बीजेपी के डॉ. सुनील कुमार ने 15,102 वोटों (लगभग 8.3%) के अंतर से आरजेडी प्रत्याशी को पराजित किया था।

बिहारशरीफ का जातीय और सामाजिक समीकरण?बिहारशरीफ विधानसभा सीट नालंदा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इसमें रहुई और बिहारशरीफ प्रखंड शामिल हैं। यहां कुर्मी-कोइरी समुदाय की जनसंख्या सबसे अधिक है। इनके अलावा मुस्लिम, यादव और पासवान मतदाता भी इस सीट के चुनावी परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
जिला मुख्यालय होने के कारण यह सीट प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम मानी जाती है।
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