नई दिल्ली: आईपीएल 2026 की नीलामी से पहले ट्रेड को लेकर काफी चर्चा हो रही है। राजस्थान रॉयल्स की टीम अपने कप्तान संजू सैमसन को चेन्नई सुपर किंग्स के साथ ट्रेड करने की तैयारी में है। इसके बदले फ्रेंचाइजी को रविंद्र जडेजा के साथ सैम करन मिलेंगे। आईपीएल में खिलाड़ियों की ट्रेड करने की शुरुआत 2009 सीजन से पहले हुई थी। मुंबई इंडियंस अपने तेज गेंदबाज आशीष नेहरा के बदले दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) से शिखर धवन को लिया था।
आईपीएल में ट्रेड क्या होता है?
जब कोई खिलाड़ी ट्रेडिंग विंडो के दौरान उस आईपीएल एक फ्रेंचाइजी से दूसरी फ्रेंचाइजी जाती है तो उसे ट्रेड कहा जाता है। यह ट्रेड पूरी तरह से पैसा को हो सकता है। 2024 सीजन से पहले हार्दिक पंड्या गुजरात टाइटंस से मुंबई इंडियंस गए थे। इसे वन-वे ट्रेड भी कहा जाता है। इसके साथ ही खिलाड़ी के बदले खिलाड़ी देकर भी ट्रेड किया जाता है। 2009 सीजन में मुंबई इंडियंस ने आरसीबी को रॉबिन उथप्पा दिया और जहीर खान लिया था।
कब से कब तक ट्रेड हो सकते हैं खिलाड़ी?
आईपीएल के नियमों के अनुसार खिलाड़ी-ट्रेडिंग विंडो सीजन समाप्त होने के एक महीने बाद शुरू होती है। यह ऑक्शन के एक हफ्ते पहले तक खुली रहती है। फिर ऑक्शन के बाद से फिर अगले सीजन की शुरुआत से एक महीने पहले तक जारी रहती है। इसलिए वर्तमान ट्रेडिंग विंडो दिसंबर के पहले हफ्ते तक खुली रहेगी।
कौन लेता है ट्रेड करने का फैसला?
खिलाड़ी ट्रेड होगा या नहीं इसका अंतिम फैसला उसकी फ्रेंचाइजी का ही होता है। मुख्यत: एक फ्रेंचाइजी दूसरी फ्रेंचाइजी को ट्रेड के लिए अप्रोच करती है। कई बार जब खिलाड़ी भी फ्रेंचाइजी से खुश नहीं होता है या फिर उसे दूसरी फ्रेंचाइजी में जाना होता है तो अपनी फ्रेंचाइजी के सामने ट्रेड करने की मांग रखता है। लेकिन अंतिम फैसला फ्रेंचाइजी का ही होता है। कई बार खिलाड़ी को नहीं चाहते हुए भी ट्रेड होना पड़ता है।
ट्रांसफर फीस भी देती है फ्रेंचाइजी?
ट्रांसफर फीस वह राशि होती है जो किसी ट्रेड के दौरान एक फ्रेंचाइजी दूसरी को खिलाड़ी की कीमत के अलावा देती है। इस राशि का किसी फ्रेंचाइजी की नीलामी राशि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ट्रेड पूरा होने से पहले फ्रेंचाइजी के बीच ट्रांसफर फीस पर आपसी सहमति बन जाती है। ट्रांसफर फीस की कोई सीमा नहीं है, लेकिन इसकी जानकारी केवल आईपीएल और ट्रेड में शामिल फ्रेंचाइजी को ही होती है।
आईपीएल में ट्रेड क्या होता है?
जब कोई खिलाड़ी ट्रेडिंग विंडो के दौरान उस आईपीएल एक फ्रेंचाइजी से दूसरी फ्रेंचाइजी जाती है तो उसे ट्रेड कहा जाता है। यह ट्रेड पूरी तरह से पैसा को हो सकता है। 2024 सीजन से पहले हार्दिक पंड्या गुजरात टाइटंस से मुंबई इंडियंस गए थे। इसे वन-वे ट्रेड भी कहा जाता है। इसके साथ ही खिलाड़ी के बदले खिलाड़ी देकर भी ट्रेड किया जाता है। 2009 सीजन में मुंबई इंडियंस ने आरसीबी को रॉबिन उथप्पा दिया और जहीर खान लिया था।
कब से कब तक ट्रेड हो सकते हैं खिलाड़ी?
आईपीएल के नियमों के अनुसार खिलाड़ी-ट्रेडिंग विंडो सीजन समाप्त होने के एक महीने बाद शुरू होती है। यह ऑक्शन के एक हफ्ते पहले तक खुली रहती है। फिर ऑक्शन के बाद से फिर अगले सीजन की शुरुआत से एक महीने पहले तक जारी रहती है। इसलिए वर्तमान ट्रेडिंग विंडो दिसंबर के पहले हफ्ते तक खुली रहेगी।
कौन लेता है ट्रेड करने का फैसला?
खिलाड़ी ट्रेड होगा या नहीं इसका अंतिम फैसला उसकी फ्रेंचाइजी का ही होता है। मुख्यत: एक फ्रेंचाइजी दूसरी फ्रेंचाइजी को ट्रेड के लिए अप्रोच करती है। कई बार जब खिलाड़ी भी फ्रेंचाइजी से खुश नहीं होता है या फिर उसे दूसरी फ्रेंचाइजी में जाना होता है तो अपनी फ्रेंचाइजी के सामने ट्रेड करने की मांग रखता है। लेकिन अंतिम फैसला फ्रेंचाइजी का ही होता है। कई बार खिलाड़ी को नहीं चाहते हुए भी ट्रेड होना पड़ता है।
ट्रांसफर फीस भी देती है फ्रेंचाइजी?
ट्रांसफर फीस वह राशि होती है जो किसी ट्रेड के दौरान एक फ्रेंचाइजी दूसरी को खिलाड़ी की कीमत के अलावा देती है। इस राशि का किसी फ्रेंचाइजी की नीलामी राशि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ट्रेड पूरा होने से पहले फ्रेंचाइजी के बीच ट्रांसफर फीस पर आपसी सहमति बन जाती है। ट्रांसफर फीस की कोई सीमा नहीं है, लेकिन इसकी जानकारी केवल आईपीएल और ट्रेड में शामिल फ्रेंचाइजी को ही होती है।
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