पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक रविवार शाम को दिल्ली में हुई, जिसमें पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची को अंतिम रूप दिया गया। एनडीए में सीट बंटवारे के तहत, बीजेपी बिहार की कुल 243 सीटों में से 101 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, बीजेपी के संगठन महासचिव बी.एल. संतोष और बिहार के वरिष्ठ पार्टी नेताओं सहित CEC के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
CEC की बैठक से पहले, उम्मीदवारों के नाम को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत करने के लिए शनिवार से ही बीजेपी नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी थीं। बिहार बीजेपी के नेता देर रात रविवार या सोमवार सुबह पटना के लिए रवाना होंगे, जहां सीट बंटवारे के संबंध में घोषणा किए जाने की संभावना है। इसके बाद प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो सकता है।
अधिकांश सिटिंग विधायकों का टिकट नहीं कटेगा
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अपने अधिकांश सिटिंग विधायकों का टिकट नहीं काटने की योजना बना रही है। 2020 में पार्टी ने कई नए चेहरों को मौका दिया था। पार्टी का मानना है कि पहली बार के विधायकों या सरकार के खिलाफ कोई खास एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है। इसलिए, जहां अन्य राज्यों में बीजेपी औसतन 30% विधायकों का टिकट काटती है, वहीं बिहार में यह परंपरा अपवाद हो सकती है।
जाति और जीतने की क्षमता के आधार पर दी जाएगी टिकट
बिहार में पार्टी उम्मीदवारों के चयन में बीजेपी सिर्फ जातीय समीकरण ही नहीं साधेगी, बल्कि उम्मीदवार के चयन का मुख्य मानदंड निश्चित रूप से 'जीतने की क्षमता' भी होगा। पार्टी टिकट वितरण में जातिगत और सामाजिक समीकरणों को संतुलित करके यह लक्ष्य हासिल करना चाहती है। इस बार कई महिला उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
टिकट कटने के मामले में उम्र बनेगी वजह?हालांकि, टिकट काटने के मामले में उम्र एक महत्वपूर्ण कारक होगी, और पार्टी कुछ अनुभवी नेताओं की जगह युवा चेहरों को मौका दे सकती है। लेकिन, पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र में कोई अन्य जीतने योग्य चेहरा नहीं है, तो अनुभवी नेता को भी मौका मिल सकता है।
CEC की बैठक से पहले, उम्मीदवारों के नाम को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत करने के लिए शनिवार से ही बीजेपी नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी थीं। बिहार बीजेपी के नेता देर रात रविवार या सोमवार सुबह पटना के लिए रवाना होंगे, जहां सीट बंटवारे के संबंध में घोषणा किए जाने की संभावना है। इसके बाद प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो सकता है।
अधिकांश सिटिंग विधायकों का टिकट नहीं कटेगा
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अपने अधिकांश सिटिंग विधायकों का टिकट नहीं काटने की योजना बना रही है। 2020 में पार्टी ने कई नए चेहरों को मौका दिया था। पार्टी का मानना है कि पहली बार के विधायकों या सरकार के खिलाफ कोई खास एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है। इसलिए, जहां अन्य राज्यों में बीजेपी औसतन 30% विधायकों का टिकट काटती है, वहीं बिहार में यह परंपरा अपवाद हो सकती है।
जाति और जीतने की क्षमता के आधार पर दी जाएगी टिकट
बिहार में पार्टी उम्मीदवारों के चयन में बीजेपी सिर्फ जातीय समीकरण ही नहीं साधेगी, बल्कि उम्मीदवार के चयन का मुख्य मानदंड निश्चित रूप से 'जीतने की क्षमता' भी होगा। पार्टी टिकट वितरण में जातिगत और सामाजिक समीकरणों को संतुलित करके यह लक्ष्य हासिल करना चाहती है। इस बार कई महिला उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
टिकट कटने के मामले में उम्र बनेगी वजह?हालांकि, टिकट काटने के मामले में उम्र एक महत्वपूर्ण कारक होगी, और पार्टी कुछ अनुभवी नेताओं की जगह युवा चेहरों को मौका दे सकती है। लेकिन, पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र में कोई अन्य जीतने योग्य चेहरा नहीं है, तो अनुभवी नेता को भी मौका मिल सकता है।
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