पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक तरफ जहां विपक्षी गठबंधन के दो बड़े चेहरे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव वोटर अधिकार यात्रा कर रहे हैं। दूसरी तरफ सत्ताधारी NDA गठबंधन ग्राउंड लेवल पर फुलप्रुफ प्लान को इंप्लीमेंट करने में जुट गया है। NDA गठबंधन अपनी जमीनी स्तर की पकड़ मजबूत करने में जुटा है। वे एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। NDA बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेगा।
इन बैठकों में संगठन को मजबूत करने और चुनाव की रणनीति पर बात होगी। सूत्रों के अनुसार, 23 से 25 अगस्त और 28 से 30 अगस्त के बीच 84 विधानसभा क्षेत्रों में बैठकें होंगी। बाद में, बाकी क्षेत्रों में भी बैठकें की जाएंगी। NDA के अलग-अलग दलों के नेताओं की 14 टीमें बनाई गई हैं।
ग्राउंड पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे टीम के मेंबर
ये टीमें कार्यकर्ताओं से मिलेंगी, उन्हें दिशा-निर्देश देंगी और उनकी राय लेंगी। JD(U) के नेता संजय कुमार झा, उमेश कुशवाहा, रामनाथ ठाकुर और मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार और रत्नेश सदा सात टीमों का नेतृत्व करेंगे। BJP के नेता दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मंत्री नित्यानंद राय, मंगल पांडे और गिरिराज सिंह, और सांसद संजय जायसवाल बाकी टीमों का नेतृत्व करेंगे।
हर टीम में 6 मेंबर, हर घटक दल की सहभागिता
हर टीम में छह सदस्य होंगे। इनमें BJP के सहयोगी दल जैसे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मंच के सदस्य भी शामिल होंगे। इन बैठकों का मकसद NDA को एकजुट रखना और चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है।
NDA गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। गठबंधन के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक डायरेक्ट पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है। साफ तौर से समझाया गया है कि वे जनता के बीच जाएं और उन्हें सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों के बारे में बताएं। NDA का लक्ष्य है कि वे बिहार में फिर से सरकार बनाएं।
नीतीश को सीएम बनाने के नारे के साथ आगे बढ़ेगा एनडीए: जेडीयू
JD(U) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, 'हमने बिहार चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम ये समन्वय बैठकें कर रहे हैं। पहले ऐसी बैठकें जिला स्तर पर आयोजित की जाती थीं। अब इसे विधानसभा क्षेत्र स्तर पर ले जाया जा रहा है। सभी NDA दलों के नेता वहां मौजूद रहेंगे और हम नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के नारे के साथ आगे बढ़ेंगे। कार्यकर्ता पार्टी संगठन की सबसे महत्वपूर्ण इकाई हैं और सभी नेता उन्हें मजबूत समन्वय सुनिश्चित करने के लिए संबोधित करेंगे। यह दर्शाता है कि ऐसे समय में जब विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा है, NDA एकजुट है।'
जनवरी-फरवरी में भी NDA ने जिला स्तर पर ऐसी बैठकें की थीं। इन बैठकों में NDA के सभी पांच दलों के प्रदेश अध्यक्षों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इन बैठकों का मकसद कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बढ़ाना था।
एनडीए में सीट शेयरिंग पर पेच फंसने की कम ही उम्मीद
अभी तक NDA ने बिहार चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा नहीं किया है। लेकिन BJP के एक बड़े नेता ने कहा कि इस पर सहमति बन रही है और NDA में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, 'कुछ छोटे मुद्दे हैं जिन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। सभी को यह स्पष्ट है कि हम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं।'
NDA का चुनाव प्रचार नीतीश कुमार सरकार के पिछले 20 सालों के काम पर केंद्रित होगा। इसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखना, विकास करना, बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और हाल ही में घोषित योजनाएं जैसे मुफ्त बिजली, बढ़ी हुई पेंशन और युवाओं को रोजगार देने के कार्यक्रम शामिल हैं।
अलग-अलग वर्ग के वोटरों को साधने की कोशिश
NDA के नेता बिहार के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को भी दिखा रहे हैं। वे अलग-अलग वर्गों के लोगों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना उनके अभियान में प्रमुखता से शामिल है। राज्य की महिला उद्यमी योजनाओं का भी जोर शोर से प्रचार किया जा रहा है। यह योजना महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता देने पर केंद्रित है।
इन बैठकों में संगठन को मजबूत करने और चुनाव की रणनीति पर बात होगी। सूत्रों के अनुसार, 23 से 25 अगस्त और 28 से 30 अगस्त के बीच 84 विधानसभा क्षेत्रों में बैठकें होंगी। बाद में, बाकी क्षेत्रों में भी बैठकें की जाएंगी। NDA के अलग-अलग दलों के नेताओं की 14 टीमें बनाई गई हैं।
ग्राउंड पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे टीम के मेंबर
ये टीमें कार्यकर्ताओं से मिलेंगी, उन्हें दिशा-निर्देश देंगी और उनकी राय लेंगी। JD(U) के नेता संजय कुमार झा, उमेश कुशवाहा, रामनाथ ठाकुर और मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार और रत्नेश सदा सात टीमों का नेतृत्व करेंगे। BJP के नेता दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मंत्री नित्यानंद राय, मंगल पांडे और गिरिराज सिंह, और सांसद संजय जायसवाल बाकी टीमों का नेतृत्व करेंगे।
हर टीम में 6 मेंबर, हर घटक दल की सहभागिता
हर टीम में छह सदस्य होंगे। इनमें BJP के सहयोगी दल जैसे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मंच के सदस्य भी शामिल होंगे। इन बैठकों का मकसद NDA को एकजुट रखना और चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है।
NDA गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। गठबंधन के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक डायरेक्ट पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है। साफ तौर से समझाया गया है कि वे जनता के बीच जाएं और उन्हें सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों के बारे में बताएं। NDA का लक्ष्य है कि वे बिहार में फिर से सरकार बनाएं।
नीतीश को सीएम बनाने के नारे के साथ आगे बढ़ेगा एनडीए: जेडीयू
JD(U) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, 'हमने बिहार चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम ये समन्वय बैठकें कर रहे हैं। पहले ऐसी बैठकें जिला स्तर पर आयोजित की जाती थीं। अब इसे विधानसभा क्षेत्र स्तर पर ले जाया जा रहा है। सभी NDA दलों के नेता वहां मौजूद रहेंगे और हम नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के नारे के साथ आगे बढ़ेंगे। कार्यकर्ता पार्टी संगठन की सबसे महत्वपूर्ण इकाई हैं और सभी नेता उन्हें मजबूत समन्वय सुनिश्चित करने के लिए संबोधित करेंगे। यह दर्शाता है कि ऐसे समय में जब विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा है, NDA एकजुट है।'
जनवरी-फरवरी में भी NDA ने जिला स्तर पर ऐसी बैठकें की थीं। इन बैठकों में NDA के सभी पांच दलों के प्रदेश अध्यक्षों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इन बैठकों का मकसद कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बढ़ाना था।
एनडीए में सीट शेयरिंग पर पेच फंसने की कम ही उम्मीद
अभी तक NDA ने बिहार चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा नहीं किया है। लेकिन BJP के एक बड़े नेता ने कहा कि इस पर सहमति बन रही है और NDA में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, 'कुछ छोटे मुद्दे हैं जिन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। सभी को यह स्पष्ट है कि हम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं।'
NDA का चुनाव प्रचार नीतीश कुमार सरकार के पिछले 20 सालों के काम पर केंद्रित होगा। इसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखना, विकास करना, बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और हाल ही में घोषित योजनाएं जैसे मुफ्त बिजली, बढ़ी हुई पेंशन और युवाओं को रोजगार देने के कार्यक्रम शामिल हैं।
अलग-अलग वर्ग के वोटरों को साधने की कोशिश
NDA के नेता बिहार के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को भी दिखा रहे हैं। वे अलग-अलग वर्गों के लोगों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना उनके अभियान में प्रमुखता से शामिल है। राज्य की महिला उद्यमी योजनाओं का भी जोर शोर से प्रचार किया जा रहा है। यह योजना महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता देने पर केंद्रित है।
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